nashe ka ilaj

शराब हमारे दिमाग पर क्या इफ़ेक्ट डालती है

शराब हमारे दिमाग पर क्या इफ़ेक्ट डालती है

शराब हमारे दिमाग पर क्या इफ़ेक्ट डालती है

अल्कोहल आपके दिमाग और शरीर दोनों को कई तरीके से इफैक्टेड करता है . अल्कोहल लीगल है लकिन ये एक ड्रग से किसी भी तरह से कम नहीं है .इसीलिए इसको शुरू करने से पहले एक नहीं कई बार सोचना चाहिए. हमारा दिमाग लाखों न्यूरौन्स का एक complex नेटवर्क है. और ये न्यूरौन्स ही हमारे अंदर पॉजिटिव या नेगेटिव प्रोसेस को बनाने का काम करते है .अल्कोहल की वजह से हमारे दिमाग में नेगेटिव और एग्रेसिव न्यूरौन्स एक्टिव हो जाते हैं
इसको और डिटेल में समझने के लिए आपको MIND की पूरी working process और अल्कोहल की वजह से हमारे दिमाग पर होने वाले इफैक्ट के बारे में समझना होगा।  भी हम अल्कोहल लेते है तो 20% अल्कोहल को हमारा शरीर तुरंत अब्ज़ॉर्ब कर लेता है और बाक़ी बचा 80% अल्कोहल हमारी छोटी आंतैं absorb कर लेती हैं । उसके बाद हमारा heart इस अल्कोहल को pump करके हमारी पूरी बॉडी में फैला देता है यहाँ तक की ऐल्कहाल हमारी spinal cord और MIND तक पहुंच जाता है
अब माइंड में पहुँचने के बाद ऐल्कहाल क्या करता है वो समझते हैं
सबसे पहले ऐल्कहाल हमारे दिमाग के हिस्से सेरेब्रल कॉर्टेक्स पर negative effect डालता है जो कि हमारे सेंसेस और इन्हिबिटोरी सेण्टर यानी कार्य प्रणाली के लिए रिस्पोंसिबल है इसी वजह से
1. पीने वाला ज़्यादा बोलने लगता है ।
2. पीने के बाद व्यक्ति इतना Self confident हो जाता है कि उसे लगता है वो जो कुछ बोल या कर रहा है वही सही है.
3. व्यक्ति समाज से एक दूरी बना लेता है.
4. इसका व्यक्ति की thought process पर सीधे असर पड़ता है
हमारे दिमाग का दूसरा part है फ्रंटल लोब जो कि प्लानिंग करना, नए ideas को बनाना , निर्णय लेना और self control पर काम करता है अल्कोहल उस process पर सीधे प्रभाव डालता है जिसकी वजह से
– व्यक्ति Emotion control खो देता है यानी ऐसा व्यक्ति बहोत जल्दी भाभुक हो जाता है ,
– पीने वाला अच्छा बुरा सोचे बिना काम करता है
– और बहोत ज़्यादा गुस्से जैसी प्रोब्लेम्स का सामना करता है .
सेरिबैलम हमारे दिमाग का तीसरा part है जो हमारी coordination thinking और aware रहने जैसी complex process पर काम करता है अल्कोहल इन सब पर सीधा असर डालता है जिसकी वजह से इंसान में decision power धीरे धीरे कम होने लगती है और एक समय बाद इंसान इसको पूरी तरह से खो देता है
अब आता है हिप्पोकैम्पस ये हमारे दिमाग का चौथा part है जो की memories बनाने का काम करता है अल्कोहल हिप्पोकैम्पस को सीधे नुक्सान पहुँचाता है जिसकी वजह से हमें पढ़ने की क्षमता में कमी, चीज़ो को याद ना रख पाना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।
हाइपोथैलेमस हमारे दिमाग का एक छोटा part होता है जो की बॉडी के रख रखाव का काम करता है अल्कोहल इसको नुक्सान पहुँचाता है जिसकी वजह से पीने वाले को
blood pressure का कम या ज्यादा होना
– भूख न लगना
– प्यास या urinal जैसी प्रोब्लेम्स को फेस करना पड़ता है
और आख़री में आता है मेडुला part ये हमारे दिमाग में आटोमेटिक एक्शन्स लेने का कार्य करता है जैसे की हार्टबीट, बॉडी टेम्परेचर आदि कोमेन्टेन करना .अल्कोहल हमारी बॉडी को ठंडा करता है और मेडुला बॉडी टेम्परेचर को मेन्टेन करता है इसी वजह से अल्कोहल हमारे दिमाग के आटोमेटिक सिस्टम को डैमेज कर देता है .
ये ऐल्कहाल से जुड़े कुछ जरुरी फैक्ट्स हैं जो कि आपको हमेशा याद रखने चाहिए
1- अल्कोहल से दिमाग का विकास रुक जाता है .
2- अल्कोहल आपके दिमाग को हमेशा के लिए damage कर सकता है
आपका शरीर आपका है, और इस शरीर की ज़िम्मेदारी भी आपकी है । शराब ना पियें, ना पिलाएँ । अगर आप इस लत के शिकार हो गए हैं और इसे सही में छोड़ना चाहते हैं तो आप कभी भी हमसे कॉंटैक्ट कर सकते हैं

शराब हमारे दिमाग पर क्या इफ़ेक्ट डालती है2021-07-14T10:43:38+00:00

नशे की आदत को खत्म करने के लिये नशे के कारण को समझें

नशे की आदत को खत्म करने के लिये नशे के कारण को समझें

नशे की आदत को खत्म करने के लिये नशे के कारण को समझें

नशे की लत किसी व्यक्ति या उसके परिवार के लिये किस हद तक कष्टदायक हो सकती है, ये बात  उन परिवारों से बेहतर और कोई नहीं समझ सकता जिनके परिवारों में इस बीमारी के कारण किसी को अपनी जान गवानी पड़ी हो या उस शराबी व्यक्ति के परिवार ने उससे मुंह मोड़ लिया हो। ये समय उसके परिवार लिए किसी श्राप से कम नहीं होता। नशे की लत में पड़ा व्यक्ति शायद ही कभी इस आदत को छोड़ने के बारे में सोच पाता होगा, मगर उसका परिवार हर मुमकिन कोशिश करता है की किसी तरीके से उसकी नशे की आदत छूट जाए। ऐसे व्यक्ति के लिए नशे में रहना समय के साथ एक साधारण बात हो जाती है। वह व्यक्ति जैसे – जैसे नशे को अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में शामिल करता जाता है, वैसे – वैसे उसे हर रोज नशा करने की आदत पड़ती जाती है।   

बचपन में हमारे माता – पिता हमारी सेहत का ध्यान रखते हैं, जब हम बीमार पड़ते हैं तो हमें डॉक्टर के पास ले जाते हैं। मगर जब हम बड़े हो जाते हैं, और नौकरी या पढ़ाई करने घर से निकल कर बाहर की दुनिया में कदम रखते हैं तो हमारे माँ – बाप हम पर भरोसा करते हैं कि हम अपना ध्यान खुद रख सकते हैं। मगर बाहर की दुनिया हमारी घर की चार दीवारों जितनी सुरक्षित नहीं होती, हमें बाहर अलग विचारों और अलग रहन-सहन वाले लोगों से मिलना पड़ता है, बात-चीत करनी पड़ती है और उनके साथ एक घर में रहना भी पड़ता है। जब आप किसी ऐसे माहौल में रहने लगते हैं जहां शराब, सिगरेट रोज का काम हो तो खुद को इन चीजों से दूर रख पाना एक कठिन काम है। हमारे दोस्त या ऑफिस के साथी कभी ना कभी शराब का ग्लास या सिगरेट पकड़ा ही देते हैं और इसके बाद कुछ लोग इसे आदत बना लेते हैं और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखते।   

आप नहीं जान पाते की कब नशा आपकी लत बन गया, और आप अपना सारा गुस्सा, दुख, दर्द यहाँ तक की खुशी का साथी शराब को बना लेते हैं। नशे का सेवन हमने अपनी संस्कृति  में अक्सर होते देखा है। भगवान शिव की ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिलती हैं, जहां वह एक चिलम हाथ में लिए भांग या गाँजा पी रहे होते हैं। भारत में कई जगह ऐसे मंदिर हैं जहां भैरव की मूर्तियों पर शराब चढ़ाई जाती है। हमारी युवा पीढ़ी कहीं ना कहीं इन तथ्यों का इस्तेमाल अपने नशे की आदत को सही साबित करने के लिए करती है।   

फिर जीवन इसी तरह से आगे बढ़ता रहता है, और उसी के साथ आपके दोस्त भी आपसे आगे बढ़ जाते हैं मगर आप वहीं रह जाते हैं, आप अपनी नशे की लत को नहीं छोड़ पाते। कहते हैं कि अकेलापन इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है और इस अकेलेपन को दूर करने के लिए आप शराब या और दूसरे नशों पर निर्भर हो जाते हैं। आपका शरीर आपको समय – समय पर चेतावनी भी देता है, कुछ लोगों लीवर में परेशानी होने लगती है, भूख नहीं लगती और कई व्यक्तियों को बिना शराब पिये नींद नहीं आती, मगर आप हर बार इन चीजों की अनदेखी कर देते हैं। शराब की लत इतनी प्रबल होती है की आप अपनी शरीर की बिगड़ती हालत को समझ ही नहीं पाते। 

आपका परिवार आपकी मदद करने की कोशिश करता है, मगर सिवाय मानसिक उत्पीड़न के उसे कुछ हासिल नहीं होता। आपको लगता है की आपके मन की पीड़ा को कोई नहीं समझ सकता मगर ऐसा नहीं है। अगर आप किसी मानसिक परेशानी का सामना कर रहे हैं तो आपको इस बारे में बात करनी चाहिए, काउंसलिंग के जरिए आप अपनी मन की उलझनों को सुलझाने की कोशिश कर सकते हैं। नशा आपकी उस परेशानी को कुछ देर के लिए कम तो कर सकता है मगर खत्म नहीं कर सकता।

नशे की आदत को खत्म करने के लिये नशे के कारण को समझें2021-06-22T10:07:25+00:00
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