इस 21 दिन के लॉकडाउन का इस्तेमाल हर व्यक्ति जो व्यसन की समस्या से ग्रसित है इस अभिशाप से सदा के लिये मुक्त होने के लिये कर सकता है। जो कोई भी व्यक्ति जो अपने नशा करने की आदत से परेशान है इस लॉकडाउन को एक सुनहरे अवसर में तब्दील कर सकता है। थोड़ी सी इच्छा शक्ति और प्रतिबध्दता से जीवन में आप व्यसन छोड़ कर बहुत बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इसके लिये कोई भी व्यक्ति नशा मुक्ति केंद्रो में इलाज का प्रारुप अपना सकते हैं।
नशा मुक्ति केंद्रो में नशे की लत के इलाज चरणबध् तरीके से होता है।
पहला चरण – डी-टॉक्सीफिकेशन का होता है। इस चरण में शरीर में मौजूद सारे हानिकारक तत्व प्राकृतिक तरीके से निकल जाते है। इसकी अवधि 7-10 दिन की होती है। इस दौरान नशे से एकदम दूरी के कारण व्यक्ति को विथड्रॉवल आ सकते हैं, पर इन सबको कुछ दवाईयों के द्वारा मैनेज किया जा सकता है। कुछ दिनो के बाद ये समस्या खत्म हो राती है क्योंकि धीरे-धीरे सारे टॉक्सीनस् शरीर से प्राकृतिक रुप से निकल जाते हैं।
दुसरा चरण – में अपने आप को एक समय-सारणी पर आधारित दिनचर्या में ढ़ालना होता है। जिसमें समय से भोजन करना सबसे ज्यादा अहम है क्योंकि ऐसा करने से आपका मन नशे की तरफ नहीं भटकेगा। इसके साथ योग व ध्यान का अभ्यास आपको फोकस रखेगा।
तीसरा चरण – शारिरिक तलब पूरी तरह से खत्म होने के बावजूद हर व्यसन करने वाले व्यक्ति के अंदर कुछ बातें रहती जो कभी भी नशा करने के लिये उकसा सकती हैं। इस चरण में व्यक्ति को अपने परिवार दोस्त के साथ बैठकर चिंतन करना चाहिये और यदि जरुरत पड़े तो प्रोफेशनल काउंसलर को भी कन्सल्ट कर सकते हैं।
अल्कोहोल विथड्रॉवल होने पर खाली पेट नींबु पानी पीना आराम दे सकता है और शारिरिक तलब कम करने के लिये हमेशा भरे पेट रहना कारगर सिध्द होगा।
सूखे नशे के विथड्रॉवल के लिये हाई प्रोटीन डाइट मददगार होगी और अगर ज्यादा दिक्कत् हो तो डॉक्टर को अवश्य कन्सल्ट करें।