ऐसा कई बार देखा गया है की बंदे को मालूम है कि उसे ड्रग/अल्कोहोल का एडिक्शन हो चुका और वो इस प्रॉब्लम से निकलना भी चाहता है पर कुछ गलतफहमीयों या कहें कनफ्युजन की वजह से एक प्रॉपर ड्रग एडिक्शन ट्रीटमेंट लेने से घबराता है। इन गलतफहमीयों की मुख्य वजह ये भी है कि हमारे समाज में इस टॉपिक को लेकर जानकारी बहुत कम है या गलत जानकारी है। एक एडिक्ट के लिये अपनी प्रॉब्लम रियालाइज करना और उसके बारे में कुछ करना एक बहुत जरुरी और बड़ा कदम होता है, तो आज हम यहाँ बात करेंगे उन कुछ गलत धारणाओं के बारे में जो ड्रग एडिक्शन ट्रीटमेंट को लेकर अक्सर इंसान के मन में होते हैं…
- सबसे पहला सवाल जो एक इंसान के मन में आता है वो ये होता है कि क्या मैं एडिक्शन ट्रीटमेंट एफोर्ड कर सकता हुँ… तो इसका सीधा-सीधा जवाब है की हाँ। अगर आप सही तरीके से तलाशेंगे तो आपको ऐसे कई केंद्र और संस्थाऐं मिल जायेंगी जो किफायती दरों में ड्रग/अल्कोहोल एडिक्शन ट्रीटमेंट प्रोग्राम चलाती हैं। और इस बात को अगर आप इस नजरीये से देखेंगे की जितना खर्चा आप अपने एडिक्शन पर करते हैं उसकी तुलना में एडिक्शन ट्रीटमेंट का खर्चा कम ही होगा। इसके साथ ही आपको ये बात ध्यान में रखनी होगी की जितना ज्यादा आप एडिक्शन के इंफ्लुऐंस में रहते हैं उतना ही ज्यादा खतरा आपके बिमार होने का और किसी दुर्घटना के शिकार होने का बना रहता जो की कभी-कभार बेहद खर्चीला साबित हो सकता है।
- दुसरा डर आपको ये रहता है कि आपकी नौकरी या बिजनस का कहीं नुक्सान तो नहीं हो जायेगा… देखिये इस विषय में तो आपको सही तालमेल बिठाकर प्राथमिकतायें तय करनी होगी। आप अगर सही प्लानिंग कर के अपनी नौकरी या बिजनस से समय निकाल कर अपने आप नशे के जाल से निकालने के लिये देते हैं तो ये आने वाले कल के लिये बेहतर फैसला साबित होगा क्योंकि न केवल आप एडिक्शन की परेशानी से मुक्त होंगे बल्कि साथ ही अपने प्रॉफेशन में और अच्छा परफार्म कर पायेंगे।
- इसके आगे एक गलतफहमी ये भी है की एडिक्शन ट्रीटमेंट प्रोग्राम जेल जैसा होता है। ये बात सही है कि एडिक्शन ट्रीटमेंट प्रोग्राम में रिसट्रिक्शनस् होते हैं और वो इसलिये होते हैं क्योंकि ड्रग्स और शराब की तलब बहुत खराब होती है और उनसे पार पाने में समय लगता है इसलिये सही ट्रीटमेंट के लिये आपको एक जगह सीमित रखना पड़ता है और इसी ट्रीटमेंट प्रोसेस को कारगर बनाने के लिये आपको एक हैल्दी डेली रुटीन फॉलो करना रहता है।
- चौथी बात हम ये करेंगे की एडिक्शन ट्रीटमेंट प्रोसेस के बोरिंग होने का क्योंकि बहुत से लोगों को ये लगता है कि वो एक जगह बंद हो जायेंगे और उनके पास करने को कुछ नहीं होगा या वो और मायूस परेशान लोगों से घिरे होंगे तो यहाँ मैं बता दुँ की ट्रीटमेंट के दौरान आपका रुटीन बिलकुल भी बोरींग नहीं रखा जाता, इस प्रोसेस में ज्यादा से ज्यादा कोशिश की जाती है कि पेशंट को किसी एक्टिविटी में ऑक्युपाइड रखने की ताकी उसका मन इधर-उधर न भटके। इसके साथ डेली रुटीन में कई तरह की मनोरंजक गतिविधियां भी शामिल होती हैं।
- और लास्ट में सबसे बड़ी गलतफहमी कुछ लोगो को ये हो जाती है कि वो अपने परिवार से दूर हो जायेंगे जबकी होता इसके बिलकुल उलट है। ये कुछ दिन जो आप अपनी बेहतरी के लिये अपने परिवार से दूर बितायेंगे उसमें आप रियलाइज करेंगे की नशे की वजह से आप अपने परिवार से कितने दूर हो गये थे। भले ही आप जब उनके साथ में एक ही छत के नीचे थे तब भी आपके जीवन का केँद्र नशा ही बन चुका था। यहाँ ट्रीटमेंट के दौरान जब आप नशे से दूर रहेंगे तो अपने आप को परिवार के और करीब महसुस करेंगे और उनकी ज्यादा वैल्यु करने लगेंगे।
तो अगर आपको ये एहसास हो गया है कि आपको ड्रग या अल्कोहोल के एडिक्शन की प्रॉब्लम है तो कोशिश करें की जितना जल्दी हो सके आप इस प्रॉब्लम का ट्रीटमेंट करवायें क्योंकि ये प्रॉब्लम समय के साथ और भयानक होती जाती है। इसके साथ आपके मन में यदि एडिक्शन ट्रीटमेंट को लेकर कोई और शंका या सवाल हैं तो हमसे जरुर संपर्क करें…..