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Rehabilitation Centre: A cure for addiction

Rehabilitation Centre: A cure for addiction

It is obvious that no can see their loved ones or family member into deep holes of addiction of illicit substances therefore generally the family members of the addict are more anxious and troubled than addict itself. It is very difficult task for an addict to get completely out of trap of addiction without any external help. First we all have to understand that addictions are of various illicit substances so their effect on body and mind also vary from one another. Sometimes we take addict to hospitals and clinics, in case of him/her not feeling well physically or in case of overdose. After being treated in hospital or clinic maximum addicts return to their previous routine which also includes abusing illicit substances.

We can tackle the sin of addiction for ourselves and for our family members, if we handle this disease properly. The treatment of this disease in rehabilitation centre or nasha mukti kendra can be a tough task and can also be of longer time span but this method works best out of all the available options. There are many of reasons for considering rehabilitation centre or nasha mukti Kendra as the best option. To understand the treatment undergo in rehabilitation centre or nasha mukti kendra in broader way, we have to know that addiction victim can be of any age group and can be from any section of society. The demon of addiction does not differentiate between rich and poor, it effects all in same way. For a successful treatment of this disease we have to work on both our body and our mind. An addict also has to change his lifestyle for sustaining soberness over a longer period of time. We generally seek options that work only on physical condition of an addict that is why the patient tends to relapse after a shorter period of time. We should be aware of the fact that these addictive substances have high intensity of attraction and to avoid getting into the trap of addiction it becomes significantly necessary for recovered patient to prepare mentally.

In rehabilitation centre or nasha mukti kendra the treatment of the patient done according to the factors such as age and type of addictive substance. Since different substance has different effects and to add on here, the mentality with age also changes of every individual therefore the treatment procedure and time span also changes. This is the most important thing about rehabilitation centre or nasha mukti kendra. Apart from that all the appointed personnel by the rehab centre is dedicated to the profession of de-addiction or nasha mukti.

Generally, a genuine rehab centre appoints physician, psychiatrist, counselor, and yoga and exercise instructor with other supporting staff. We get all these key facilities required for proper treatment under one roof. Most of the staff appointed by the rehabilitation centre or nasha mukti kendra are familiar with devastating effects of pro-longed addiction and they understand mental condition of the recovering patient at each step. Hence, they are able to help them recover in better way. Psychiatrist and counselor appointed here has experience in dealing with all kind of addicts, they also prescribe medicines only if needed to overcome their problems such as depression, insomnia etc. It is often seen that after becoming physically well for sometime the recovering patient might think of addictive substance or perhaps crave for it mentally. In that case counselor plays a vital role in eliminating those thoughts conclusively. All these factors combined contribute in successful recovery from addiction.

Many rehab centre also help patients if he/she willingly seek consultation of rehab centre in case of relapse. The statics in our nation of addiction victims is gradually increasing by year. In this situation the option of rehabilitation centre or nasha mukti kendra is most effective medium because it produces more successful results than any other.       

 

  

Rehabilitation Centre: A cure for addiction2021-02-27T22:24:09+00:00

नशा मुक्ति केंद्र में उपचार

नशा मुक्ति केंद्र में उपचार

सामान्य तौर पर नशा करने वाले व्यक्ति से ज्यादा परेशान उनके परिवार के सदस्य होते हैं क्योंकि ये स्वभाविक है कि हम किसी अपने को नशे के गर्त में जाते हुये नहीं देख सकते। एक नशे का आदि हो चुका व्यक्ति को बिना किसी की सहायता के नशा छोड़ने में काफी कठिनाई होती है। साथ ही हमें ये समझना होगा की नशा कई प्रकार के पदार्थों का होता है और उनका असर भी हमारे शरीर पर अलग-अलग तरह का बोता है। हम नशे के आदि हो चुके व्यक्ति को बिमार होने पर य़ा ओवरडोज़ हो जाने पर क्लीनिक या अस्पताल में भी भर्ती करवाते हैं। वहाँ से ठीक होने पर मरीज कुछ समय बाद अपनी पुरानी दिनचर्या पर लौट जाता है जिसमें नशा करना भी शामिल होता है।

हम अपने आप को या अपने परिवार के किसी सदस्य को नशे की लत से छुटकारा दिला सकते हैं। ये एक बिमारी है जिसका सही तरीके से उपचार आवश्यक है। नशे की लत की बिमारी का नशा मुक्ति केंद्र में उपचार थोड़ा मुश्किल और लंबा हो सकता है पर यह सबसे कारगर माध्यम है। इसके बहुत सारे कारण हैं। इसको विस्तार से समझने से पहले हमें सबसे पहले ये जानना होगा की नशे की लत की बिमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को लग सकती है और इससे समाज का कोई भी वर्ग अछुता नहीं है। इस बिमारी का मरीज कोई भी हो सकता है। हमें इसके उपचार के लिये न केवल अपने शरीर पर काम करना पड़ता है बल्कि हमें अपनी मानसिकता और जीवन जीने के ढ़ंग पर भी काम करना होता है। हम और किसी माध्यम से उपचार करते हैं तो उनमें से अधिकांश सिर्फ शरीर पर काम करते हैं, इसी वजह से इनका असर केवल कुछ समय के लिये होता है। हमको ये पता होना चाहिये की नशे का प्रलोभन बहुत ही तीव्र होता है और इसके जाल से बचने के लिये हर नशे के आदि व्यक्ति को मानसिक रुप से तैयार होना होता है।

नशा मुक्ति केंद्र में उपचार कई कारणों से सबसे उत्तम विकल्प है। यहाँ हर मरीज का उपचार उसकी उम्र और नशे का प्रकार देखकर किया जाता है क्योंकि ये दोनो ही बातें उपचार की अवधि और कुछ तरीकों पर असर करती हैं। नशा मुक्ति केंद्र में काम करने वाले सारे लोग और केंद्र द्वारा नियुक्त डॉक्टर एंव काउन्सलर सभी लोग इस काम के प्रति सर्मपित होते हैं।

यह सारी सुविधाऐं हमें एक ही जगह मिल जाती हैं। अधिकांश लोग जो नशा मुक्ति केंद्र द्वारा रखे जाते हैं वो नशाखोरी के भयानक परिणामों से भली-भांती परिचित होते हैं और वो उपचार की प्रक्रिया से गुजर रहे मरीज की मानसिकता को समझते हैं तथा कदम-कदम पर उनकी सुधार में मदद करते हैं। यहाँ पर नियुक्त मनोचिकित्सकों को इस तरह के मरीजों का काफी अनुभव होता है जिससे वो मरीज की अवसाद, बैचेनी आदि मानसिक समस्याओं को सुलझाने में सक्षम हाते हैं। बहुत बार ये देखा गया है कि जब मरीज को नशे की शारिरिक तलब खत्म हो जाती है उसके बाद कुछ समय बाद वो फिर उसे याद करने लगता है। तब काउन्सलर उनका नशे के प्रति नजरीया बदलने में सहायक सिध्द होते हैं। यह सब मिलकर नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति को पूर्ण रूप से स्वस्थ करते हैं।

इसके अतिरिक्त अगर कोई मरीज स्वस्थ होने के बाद दोबारा नशे की चपेट में आता है और अपने आप से नशा मुक्ति केंद्र आता है तो ये संस्थाऐं पीड़ित की सहायता करती हैं। आंकड़ों के अनुसार नशे की लत से संबधित समस्याऐं देश में लगातार बढ़ती जा रही हैं, ऐसी स्तिथि में नशा मुक्ति केंद्र में उपचार का विकल्प सबसे सटीक साबित होता है क्योंकि इससे और माध्यमों की अपेक्षा बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।    

 

नशा मुक्ति केंद्र में उपचार2021-02-27T22:24:16+00:00

नशा मुक्ति केंद्र में इलाज

नशा मुक्ति केंद्र में इलाज

नशे की लत एक बमारी है, यह बात डब्लु.एच.ओ द्वारा प्रमाणित है और इससे उबरने के लिये इसका सही ढ़ंग से इलाज जरुरी है। नशे की लत को सामन्यतः हर व्यक्ति हल्के में लेता है यही दृष्टिकोण बाद में परेशानी का कारण बनता है। नशा चाहे वह किसी भी पदार्थ का क्यों न हो, पदार्थ के सेवन की मात्रा हमेशा बढ़ती है। नशे की लत के इलाज के लिये पीड़ित या पीड़ित का परिवार तरह-तरह के उपाय आजमाते हैं जैसे कि डॉक्टरों से सलाह, नीम-हकीमो के पास जाना, टोने-टोंटके करना, टी.वी.-रेडीयो के विज्ञापन में दिखाई गई दवाओं का इस्तेमाल करना आदि। इनमें से एक सबसे बेहतर उपाय है कि पीड़ित का नशा मुक्ति केंद्र में इलाज करवाया जाये।

सबसे पहले नशा मुक्ति केंद्र इलाज का मकसद न केवल मरीज को कुछ समय के लिये नशा मुक्त करना होता है बल्की इलाज नशे से हमेशा के लिये दूरी बनाये रखने के लिये होता है। नशा मुक्ति केंद्र में इलाज चरणबद्ध तरीके से होता है।

  • पहला चरण – मरीज के भर्ती होने पर सबसे पहले मरीज का डी-टॉक्स किया जाता है। इस प्रकिया में मरीज के शरीर मौजूद सारे हानिकारक तत्व को निकाला जाता है। ये चरण सबसे अहम है क्योंकि शरीर से सारे हानिकारक रसायन निकलने के बाद ही शारीरिक तलब (क्रेविंग) खत्म होती है। इसी चरण में विथड्रॉवल आने की संभावना सबसे ज्यादा होती है इसलिये इस दौरान मरीज का केंद्र के स्टाफ द्वारा विषेश ख्याल रखा जाता है।
  • दूसरा चरण – इस चरण में मरीज को केंद्र की दैनिक गतिविधियों में शामिल किया जाता है। इसमें योगा, ध्यान, व्ययाम, समय पर भोजन, मीटिंग सेशन इत्यादी गतिविधियां होती हैं। इस चरण से मरीज की शारिरिक ऊर्जा बनी रहती है और इससे मरीज की सोच सकारत्मक बनी रहती है। सकारात्मक सोच का होना इलाज के लिये बहुत जरुरी होता है क्योंकि ज्यादातर मरीज अपने नशे के साथ बिताये गये समय के कारण नकारात्मक हो जाते हैं। यहां स्टाफ की और अन्य मरीजों के साथ की सहायता से मरीज की जीवन के प्रति उमंग और सकारात्मकता बनी रहती है।
  • तीसरा चरण – इस चरण मनोचिकित्सक और काउन्सलर मरीज का आकलन करते हैं। बहुत से नशे के आदि व्यक्ति अवसाद में और भ्रमित रहते हैं, जिनकी जाँच केंद्र द्वारा नियुक्त मनोचिकित्सक करते है और जरुरत पड़ने पर दवाई देते हैं। वहीं काउन्सलर मरीज को नशा छोड़ने के प्रेरित करते हैं अथवा उनकी समस्याऐं सुलझाते हैं।
  • चौथा चरण – ये चरण सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। मरीज की नशा मुक्ति केंद्र से छुट्टी होने से पहले उसे केंद्र के कुछ कार्यों की जम्मेदारीयां दी जाती हैं। इससे मरीज का नशा छोड़ने का हौसला बुलंद होता है और अन्य मरीज उसे देखकर प्रभावित होते हैं।

नशा मुक्ति केंद्र में इलाज क्यों करवाया जाये? यह सबसे बेहतर उपाय इसलिये है क्योंकि यह ज्यादा कारगर साबित होता है। ये केवल शरीर पर काम नहीं करता बल्की ये मानसिक रुप मरीज को नशे से दूर रहने में मदद करता है। इसके अलावा नशे से छुटकारा दिलाने के लिये सर्मपित सारे प्रोफेशनल एक ही छत के नीचे मिल जाते हैं। इसके अतिरिक्त माहौल का बड़ा अंतर पड़ता है। नशा मुक्ति केंद्र में मरीज को दूसरे मरीजों को देखकर नशा छोड़ने के लिये प्रेरणा मिलती है इसके विपरीत अस्पताल में केवल डी-टॉक्स की सुविधा होती है वह भी अपेक्षाकृत बहुत मंहगी होती।   

     

 

 

नशा मुक्ति केंद्र में इलाज2021-02-27T22:24:23+00:00

Treatment in Rehabilitation Centre (Nasha Mukti Kendra)

Treatment in Rehabilitation Centre (Nasha Mukti Kendra)

It has been scientifically proven that addiction is a disease and to add on W.H.O has certified addiction as a disease in 1970’s. Therefore in order to cure addiction it becomes significant that proper treatment should be undertaken. At starting generally everyone takes symptoms of addiction lightly, this attitude becomes major cause trouble later on. Addiction of any substance is always harmful and the quantity of substance consumed is always increasing. To get rid of addiction victim or family member of the victim try many ways such as consulting doctors, religious rituals, going on to consume products shown on ad and classified etc. in all of that the best try and tested option is admitting the patient into rehab centre or nasha mukti Kendra.

First of all, the major difference is of the goal of treatment which rehab centers follows than any other ways. Rehabilitation centre works total complete recovery of both mind and body to achieve sobriety of lifetime. In addition to that their program helps patients in case of relapse. Treatment in rehabilitation centre or nasha mukti Kendra works in step wise format.

  • First step – when a patient is admitted into rehab program, he/she have to go through detoxification stage. In this stage all toxins present due to consumption of substance from body is removed. This stage is significant because the bodily craving vanishes only after removal of toxins from body. In this stage, the chances of withdrawal is maximum therefore the staff of has to pay extra attention and care for patients going through this stage.
  • Second step – after successfully going through detoxification, the patient is bought under daily routine of the rehabilitation centre. This routine includes yoga, meditation, exercise, timely meals, indoor sports, meeting sessions, entertainment etc. This steps helps in maintaining energy level of the patients as well as it keeps them positive in attitude. Positive attitude is very important aspect for treatment to be successful because many of addicts have negative mind set due to the time spent under the influence of addiction. The inclusiveness of the staff and other patients in the program plays an important role in keeping positivity in each of the patient.
  • Third step – after being completely comfortable in the daily routine of the centre or nasha mukti Kendra the psychiatric appointed by the centre examine each patient. This is done to evaluate mental condition and signs of depression which is common in patients suffering from addiction. After examination, medicines are prescribed only if needed. Mean while the counselor takes general and personal sessions of the patients. In these sessions patients talk about their issues in order to resolve all problems leading to addiction.
  • Fourth step – this is the most important step because in this stage all the work done on the patient is reflected. In this step the patient is given responsibilities of tasks undergo in rehab centre. This is done for patient to gain self-confidence. On the other hand the patients present in rehab centre also get influenced by improvement in the fellow addict.

Why to get treatment in rehabilitation centre? The answer to this question is that it is the best available option all around. This is most result oriented than any other available method to get rid of addiction. Program of rehabilitation centre are focused more on getting patient out of addiction both mentally and physically. Whereas the clinics and hospitals are limited to detoxification of the body and the treatment of only detoxification is quite expensive in the hospitals and clinics as compared to a rehab centre.  

Treatment in Rehabilitation Centre (Nasha Mukti Kendra)2021-02-27T22:24:29+00:00

Treatment in Rehabilitation Centre

treatment nasha mukti

Treatment in Rehabilitation Centre (Nasha Mukti Kendra Bhopal)

It has been scientifically proven that addiction is a disease and to add on W.H.O has certified addiction as a disease in 1970’s. Therefore in order to cure addiction it becomes significant that proper treatment should be undertaken. At starting generally everyone takes symptoms of addiction lightly, this attitude becomes major cause trouble later on. Addiction of any substance is always harmful and the quantity of substance consumed is always increasing. To get rid of addiction victim or family member of the victim try many ways such as consulting doctors, religious rituals, going on to consume products shown on ad and classified etc. in all of that the best try and tested option is admitting the patient into rehab centre or nasha mukti Kendra.

First of all, the major difference is of the goal of treatment which rehab centers follows than any other ways. Rehabilitation centre works total complete recovery of both mind and body to achieve sobriety of lifetime. In addition to that their program helps patients in case of relapse. Treatment in rehabilitation centre or nasha mukti Kendra works in step wise format.

  • First step – when a patient is admitted into rehab program, he/she have to go through detoxification stage. In this stage all toxins present due to consumption of substance from body is removed. This stage is significant because the bodily craving vanishes only after removal of toxins from body. In this stage, the chances of withdrawal is maximum therefore the staff of has to pay extra attention and care for patients going through this stage.
  • Second step – after successfully going through detoxification, the patient is bought under daily routine of the rehabilitation centre. This routine includes yoga, meditation, exercise, timely meals, indoor sports, meeting sessions, entertainment etc. This steps helps in maintaining energy level of the patients as well as it keeps them positive in attitude. Positive attitude is very important aspect for treatment to be successful because many of addicts have negative mind set due to the time spent under the influence of addiction. The inclusiveness of the staff and other patients in the program plays an important role in keeping positivity in each of the patient.
  • Third step – after being completely comfortable in the daily routine of the centre or nasha mukti Kendra the psychiatric appointed by the centre examine each patient. This is done to evaluate mental condition and signs of depression which is common in patients suffering from addiction. After examination, medicines are prescribed only if needed. Mean while the counselor takes general and personal sessions of the patients. In these sessions patients talk about their issues in order to resolve all problems leading to addiction.
  • Fourth step – this is the most important step because in this stage all the work done on the patient is reflected. In this step the patient is given responsibilities of tasks undergo in rehab centre. This is done for patient to gain self-confidence. On the other hand the patients present in rehab centre also get influenced by improvement in the fellow addict.

Why to get treatment in rehabilitation centre? The answer to this question is that it is the best available option all around. This is most result oriented than any other available method to get rid of addiction. Program of rehabilitation centre are focused more on getting patient out of addiction both mentally and physically. Whereas the clinics and hospitals are limited to detoxification of the body and the treatment of only detoxification is quite expensive in the hospitals and clinics as compared to a rehab centre.  

Nasha Mukti kendra Bhopal

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Treatment in Rehabilitation Centre2021-02-27T22:24:35+00:00

Nasha Mukti Kendra Mein Ilaaj

nasha mukti ilaaj

नशा मुक्ति केंद्र में इलाज

Nasha Mukti Kendra Mein Ilaaj.. नशे की लत एक बमारी है, यह बात डब्लु.एच.ओ द्वारा प्रमाणित है और इससे उबरने के लिये इसका सही ढ़ंग से इलाज जरुरी है। नशे की लत को सामन्यतः हर व्यक्ति हल्के में लेता है यही दृष्टिकोण बाद में परेशानी का कारण बनता है। नशा चाहे वह किसी भी पदार्थ का क्यों न हो, पदार्थ के सेवन की मात्रा हमेशा बढ़ती है। नशे की लत के इलाज के लिये पीड़ित या पीड़ित का परिवार तरह-तरह के उपाय आजमाते हैं जैसे कि डॉक्टरों से सलाह, नीम-हकीमो के पास जाना, टोने-टोंटके करना, टी.वी.-रेडीयो के विज्ञापन में दिखाई गई दवाओं का इस्तेमाल करना आदि। इनमें से एक सबसे बेहतर उपाय है कि पीड़ित का नशा मुक्ति केंद्र में इलाज करवाया जाये।

सबसे पहले नशा मुक्ति केंद्र इलाज का मकसद न केवल मरीज को कुछ समय के लिये नशा मुक्त करना होता है बल्की इलाज नशे से हमेशा के लिये दूरी बनाये रखने के लिये होता है। नशा मुक्ति केंद्र में इलाज चरणबद्ध तरीके से होता है।

  • पहला चरण – मरीज के भर्ती होने पर सबसे पहले मरीज का डी-टॉक्स किया जाता है। इस प्रकिया में मरीज के शरीर मौजूद सारे हानिकारक तत्व को निकाला जाता है। ये चरण सबसे अहम है क्योंकि शरीर से सारे हानिकारक रसायन निकलने के बाद ही शारीरिक तलब (क्रेविंग) खत्म होती है। इसी चरण में विथड्रॉवल आने की संभावना सबसे ज्यादा होती है इसलिये इस दौरान मरीज का केंद्र के स्टाफ द्वारा विषेश ख्याल रखा जाता है।
  • दूसरा चरण – इस चरण में मरीज को केंद्र की दैनिक गतिविधियों में शामिल किया जाता है। इसमें योगा, ध्यान, व्ययाम, समय पर भोजन, मीटिंग सेशन इत्यादी गतिविधियां होती हैं। इस चरण से मरीज की शारिरिक ऊर्जा बनी रहती है और इससे मरीज की सोच सकारत्मक बनी रहती है। सकारात्मक सोच का होना इलाज के लिये बहुत जरुरी होता है क्योंकि ज्यादातर मरीज अपने नशे के साथ बिताये गये समय के कारण नकारात्मक हो जाते हैं। यहां स्टाफ की और अन्य मरीजों के साथ की सहायता से मरीज की जीवन के प्रति उमंग और सकारात्मकता बनी रहती है।
  • तीसरा चरण – इस चरण मनोचिकित्सक और काउन्सलर मरीज का आकलन करते हैं। बहुत से नशे के आदि व्यक्ति अवसाद में और भ्रमित रहते हैं, जिनकी जाँच केंद्र द्वारा नियुक्त मनोचिकित्सक करते है और जरुरत पड़ने पर दवाई देते हैं। वहीं काउन्सलर मरीज को नशा छोड़ने के प्रेरित करते हैं अथवा उनकी समस्याऐं सुलझाते हैं।
  • चौथा चरण – ये चरण सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। मरीज की नशा मुक्ति केंद्र से छुट्टी होने से पहले उसे केंद्र के कुछ कार्यों की जम्मेदारीयां दी जाती हैं। इससे मरीज का नशा छोड़ने का हौसला बुलंद होता है और अन्य मरीज उसे देखकर प्रभावित होते हैं।

नशा मुक्ति केंद्र में इलाज क्यों करवाया जाये? यह सबसे बेहतर उपाय इसलिये है क्योंकि यह ज्यादा कारगर साबित होता है। ये केवल शरीर पर काम नहीं करता बल्की ये मानसिक रुप मरीज को नशे से दूर रहने में मदद करता है। इसके अलावा नशे से छुटकारा दिलाने के लिये सर्मपित सारे प्रोफेशनल एक ही छत के नीचे मिल जाते हैं। इसके अतिरिक्त माहौल का बड़ा अंतर पड़ता है। नशा मुक्ति केंद्र में मरीज को दूसरे मरीजों को देखकर नशा छोड़ने के लिये प्रेरणा मिलती है इसके विपरीत अस्पताल में केवल डी-टॉक्स की सुविधा होती है वह भी अपेक्षाकृत बहुत मंहगी होती।   

Nasha Mukti Kendra Mein Ilaaj, Best Nasha Mukti Kendra Mein Ilaaj

     

Nasha Mukti kendra Bhopal

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Nasha Mukti Kendra Mein Ilaaj2021-02-27T22:24:40+00:00

Procedure of Rehabilitation Centre in India

rehab centre

Procedure of Rehabilitation Centre in India

We all agree that addiction is sin to our society but we all should know well enough that addiction is deeply rooted in our today’s society. Whether you live in small village, town or in metro city, you can easily notice severe effects due to addiction in peoples life around you. School, colleges, offices, marketplace, etc. you can find addiction’s influence everywhere. It can be easily said that there is no single place in our surroundings left. Addiction is very unique kind of disease in which not only the person with addiction suffers but his or her whole family suffers. First things first, addiction is injurious to our health including that this becomes primary reason for family disputes and wastage of money.

We try millions of ways to get rid of the addiction for ourselves or for our loved ones. One of good options is to choose “Rehab Centre” or “Nasha Mukti Kendra” for treatment of addiction. Let us see through there procedure.

India is a vast country, with people from different sections of society and different environment living in it. Consequently there are different types of Rehab Centre or Nasha Mukti Kendra are available throughout the country. The fees of treatment can vary from lakhs of rupees to several thousands. The basic procedures of any genuine Rehab Centre or Nasha Mukti Kendra are following.

  • Withdrawal Period – we have to understand that starting days of any addict are toughest because addict’s body is used to the substance. In withdrawal period the patient might find it very difficult to follow normal routine. The main withdrawal symptoms are loss of appetite, shivering, insomnia etc. in this period the staff of Rehab Centre or Nasha Mukti Kendra has to take more care of the patient. If needed, medicines are given to relax the patient in this period. Withdrawal period can be of ten days to a month depending upon type of addiction and consumption of addictive substance.
  • Following Routine – the next step after removal of all withdrawal symptoms is get patient into daily routine of Rehab Centre or Nasha Mukti Kendra. This routine includes yoga, workout, therapies, entertainment, indoor games, timely meals, sharing and meeting sessions. In sharing sessions patients share their addiction related stories with each other and staff. This helps them in getting out of self-guilt while yoga and therapy works on wellness of patient’s mind and body.
  • Psychiatrist Consultation and Counseling – after getting patient into daily routine they go centre’s psychiatrist for consultation. After analysis they are prescribed with medicines only if needed. On the other hand, counselor of the centre takes general and personal sessions with the patients in order to determine the root of the addiction and treat disease of addiction. The counselor also gets in touch with family of the patient for seeking better results. Both of the professional contribute in the treatment and also motivate patients for living sober life.
  • Atmosphere of Rehabilitation Centre – it is one of the prime factors in successful or she might mentally be still in the grasp of addiction. The behavior of the staff and other patients effects on the recovering patient. It becomes essentially important to maintain positivity in each individual being treated at the centre.
  • Responsibility of Patient – this is the last step before discharge. The staff of Rehab Centre or Nasha Mukti Kendra keeps a sharp eye on the improvement of the patient physically as well as mentally. In this last phase the patient is given small responsibilities of the centre like taking heading sharing sessions, dealing with other patients general problems, heading group meetings etc. this gives patient extra confidence to stay sober and also motivates other patients as well.

It has been mentioned earlier, that there are many types of Rehabilitation Centre or Nasha Mukti Kendra available across the country. It is not necessary that all centre follow same procedure. There are many centre in which they do not treat patient in correct way, to add here some of them use heavy sedatives to keep patient numb over a long period of time in centre. So, while opting for Rehabilitation Centre or Nasha Mukti Kendra for your loved ones or for you always keep in mind to check the reputation and procedure of the institution.

 

Nasha Mukti kendra Bhopal

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Procedure of Rehabilitation Centre in India2021-02-27T22:24:46+00:00

nasha mukti kendra mai kya hota hai

नशा मुक्ति केंद्रों में क्या होता है?

nasha mukti kendra mai kya hota hai, नशा समाज की बुराई है लेकिन ये सच्चाई भी है कि यह हमारे समाज में बहुत अच्छी तरह से जड़ें जमा चुका है। आप छोटे गाँव, कस्बे या किसी महानगर, कहीं भी रहते हों आप को नशे से होने वाले दुष्परिणामों की झलक अपने आस-पास ही देखने को मिल जायेगी। स्कूल-कॉलेज, दफ्तर, बाजार कोई भी जगह इससे बची नहीं है। ये एक ऐसी बिमारी है जिसमे न केवल एक व्यक्ति बल्की पूरा घर-परिवार तबाह हो जाता है। सर्वप्रथम नशा सेहत के लिये खराब तो होता ही है साथ ही यह पारिवारिक कलह और पैसों की बर्बादी के लिये जिम्मेदार होता है।  

हम अपने लिये, अपने परिवार के सदस्य या जिसको भी हम चाहते हैं उसकी नशे की लत छुड़ाने के लिये लाख जतन करते हैं। उसी में से एक अच्छा विकल्प है “नशा मुक्ति केंद्र” या “रीहैब सेंटर” का चुनाव करना। आइये जानते हैं इनके काम करने का तरीका।

हमारे देश में  कई तरह के नशा मुक्ति केंद्र मौजूद हैं, इनकी महीने की फीस लाखों से लेकर कुछ हजार तक है। सबसे पहले हमे ये समझना होगा की नशा अलग-अलग प्रकार का होता है और समूचे देश में एक तरह की जलवायू नहीं है। आइये जानते हैं उन प्रक्रियाओं को जो सामान्य रूप से सारे प्रमाणित नशा मुक्ति केंद्र या रीहैब सेंटर अपनाते हैं।

  • विथड्रॉवल पीरियड – सबसे पहले हें ये समझना होगा कि कोई भी व्यक्ति जो नशे का आदि हो चुका है उसके लिये शुरुआत के दिन कठिन होते हैं। इसकी वजह ये है कि नशा करने वाले व्यक्ति का शरीर नशे के पर्दाथ का अभ्यस्त हो चुका होता है। इसके कारण मरीज को भूख न लगना, शरीर में कंपन, नींद न आना आदि समस्या का सामना करना पड़ता है। विथड्रॉवलपीरियड के दौरान नशा मुक्ति केंद्र या रीहैब सेंटर के स्टाफ द्वारा मरीज का पूरा ख्याल रखा जाता है और मरीज को तकलीफ से उबारने के लिये जरुरत के हिसाब से दवाईयां भी दी जाती हैं। यह पिरीयड 1 सप्ताह से लेकर 20-25 दिन तक का हो सकता है, इसकी अवधि नशे के प्रकार और सेवन की मात्रा पर निर्भर करती है।
  • रुटीन में लाना – जब मरीज के अंदर से विथड्रावल के लक्षण खत्म हो जाते हैं उसके बाद धीरे-धीरे स्टाफ की मदद से मरीज को केंद्र के सामान्य रुटीन में लाया जाता है। इस रुटीन में योगा, ध्यान, व्ययाम, समय पर भोजन, मनोरंजक गतिविधियां, शेयरिंग मीटिंग आदि शामिल होती हैं। शेयरिंग मीटिंग में मरीज अपने नशे से जुड़े अनुभवों को दूसरे साथियों के साथ बांटता है जिससे मरीज का मन हल्का होता है और इस रुटीन की मदद से मरीज के स्वास्थ में सुधार होता है।   
  • मनोचिकित्सक से परामर्श और काउन्सलिंग – मरीज जब पूरी तरह रुटीन में आ जाता है तब केंद्र के मनोचिकित्सक मरीज का आकलन करते हैं। कुछ मरीजों की समस्या के लिये दवाईयां लिखी जाती हैं जो समय अनुसार स्टाफ द्वारा मरीज को दी जाती हैं। इसके अलावा नशा मुक्ति केंद्र के काउन्सलर सामुहिक और व्यक्तिगत क्लाँसेज लेते हैं और मरीज का आकलन करते हैं। काउन्सलर और मनोचिकित्सक समस्याओं को सुलझाने के लिये जरुरत पड़ने पर मरीज के परिवार के भी संपर्क में रहते हैं। साथ ही प्रत्येक मरीज का मनोबल बढ़ाते हैं।
  • केंद्र का वातावरण – नशा मुक्ति केंद्र या रीहैब सेंटर में सभी वर्ग के मरीज भर्ती होते हैं इसलिये केंद्र के स्टाफ को इस बात का विषेश ध्यान रखना पड़ता है कि पूरे केंद्र का माहौल और अच्छा बना रहे तथा किसी के व्यवहार से तकलीफ न हो। स्टाफ को इस बात का भी गौर करना होता है कि कोई मरीज दूसरे मरीज पर नकारात्मक प्रभाव तो नहीं डाल रहा है।   
  • मरीज की जिम्मेदारीयां – पूरा स्टाफ हर मरीज की प्रगति पर ध्यान रखता है। जो भी मरीज बेहतर प्रोगरेस दिखाता है उसके हाथ में थोड़ी बहुत केंद्र की जिम्मेदारीयां दी जाती हैं जिससे उनका मनोबल बढ़ता है और अन्य मरीजों का भी आत्मविश्वास बढ़ता है।

पूरे देश में नशा मुक्ति केंद्र और रीहैब सेंटर खुले हुये हैं। ये जरुरी नहीं की हर नशा मुक्ति केंद्र या रीहैब सेंटर यही तरीका अपनाता हो। कई सेंटर ऐसे भी हैं जिनमे फर्जी या बेढ़ंगे तरीके से काम किया जाता है। इसलिये यह बहुत जरुरी हो जाता है कि आप अपने परिवार के सदस्य के लिये या अपने लिये किसी नशा मुक्ति केंद्र का चुनाव करें तो अच्छी तरह से केंद्र के बारे में जानकारी पता कर लें। नशा मुक्ति केंद्र में कैसे रखा जाता है, नशा मुक्ति केंद्र में क्या होता है

Nasha Mukti kendra Bhopal

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nasha mukti kendra mai kya hota hai2021-02-27T22:24:54+00:00

नशे से छुटकारा

नशे से छुटकारा2021-02-27T22:25:02+00:00

नज़रीया: समाज का नशा मुक्ति केंद्र के प्रति

नज़रीया: समाज का नशा मुक्ति केंद्र के प्रति2021-02-27T22:25:09+00:00
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