Uncategorized

Addiction Treatment (Nasha Mukti Kendra) Expenses

Addiction Treatment (Nasha Mukti Kendra) Expenses

Whether the addiction is a disease or not? Our society has mixed opinions about this
question, even in today’s world. Alcohol addiction is declared as a disease by A.M.A
(American Medical Association, way back in 1956 and followed up in 1987 addiction is
termed as a disease by other medical organizations also. Like every other disease, its
treatment also requires some expenses. The treatment of this disease is little different
than other others. There has to work is done on the patient’s behaviour and psychology
to get positive results. The medicinal part of addiction treatment is mostly used to deal
with withdrawals and cravings, which are experienced at the initial stages of treatment.
Addiction is a disease that grows with time and the intensity of cravings becomes much
stronger, therefore after identifying the disease it is smart to get the treatment started as
soon as possible.
The cost/fees of Addiction Treatment or De-Addiction Center is around rupees 12k –
15k per month. These figures are based on a survey of authentic De-Addiction Centers
(Nasha Mukti Kendra) run by different NGOs and Trusts in our country. These centers
are in general operated for the middle and lower-middle-class sections of society. All of
the Centers surveyed here are reliable and govt. recognised. While analysing the
expenditure we must keep in mind that none of these Addiction Treatment Centers
(Nasha Mukti Kendra) take any kind of grant or aid from the state or central
government.
The first thing after admission of the patient of the Addiction Treatment Center (Nasha
Mukti Kendra) is mandatory medical tests. Generally, four basic tests are conducted by
any De-addiction Center, these tests are LFT, RFT, Lipid, and HIV. The medical test
charges are not included in monthly fees, they are charged exclusively of monthly fees,
which are nearly about 2000 Rs. The medical tests are very necessary, as based on
these investigations the course of treatment will be decided. The test result will also
help decide on diet and medications if required. Very often an addict can look like a
healthy person from the outside but due to the addiction his/, her internal body system
may be damaged.
The monthly charge includes the expenses of accommodation, breakfast, meals and
tea/coffee, etc, yoga instructor fee, counsellor fee, security of the campus, and
withdrawal medications.
It seems appropriate, the amount of 12 – 15 thousand rupees per month by analysing
the current cost of living and food in the present day. A well-maintained building, basic
amenities like proper arrangement of electricity, water, books, etc. and basic
entertainment means like, T.V, radio, music system, etc. will cost easily around this
much. When choosing an Addiction Treatment Center (Nasha Mukti Kendra) you must
keep a few things in mind like checking out the information about the center through the
internet or by other means, you may visit the center before admitting someone or
yourself, and more importantly, if you succeed in negotiating the fees more than 2000 –
3000 rupees then you must think there is something wrong with their words and deeds.
It had been found in the survey that there are many Addiction Treatment Centers that
are bogus or not doing their job properly because of greed. In today’s world nobody will
allow themselves to lose especially when it comes to money, they might not take profit
from someone but they surely don’t willing to be at loss. Nobody can run an Addiction
Treatment like that there will be a loophole if the center’s administration is giving a
discount of more than 40 percent.
There is no limit to luxuries in a man’s life, and there are plenty in numbers of those who
can afford them. For them, there are many Addiction Treatment Centers in which you
can find the same comfort means as you can find in a fancy hotel suite.
When a person or when someone’s family decides to get into the treatment program,
then the concerned person must get all the possible information about the Addiction
Treatment Center which is also known as Nasha Mukti Kendra in our country. The
selection of the Addiction Treatment Center is a vital choice as many factors of recovery
depend upon the Center’s atmosphere and guidance.

Addiction Treatment (Nasha Mukti Kendra) Expenses2022-04-12T02:55:13+00:00

ऐमिनेम की नर्क से वापसी

दोस्तों आज हम आपको वर्ल्ड फेमस रेपस्टार या रेप गॉड कही जाने वाली शख्सियत एमिनेम की जिन्दगी के कुछ अंश का उदाहरण देकर ये बताने वाला हुँ कि नर्क जाकर भी वापस लौटा जा सकता है। आइये तो हम जानेंगे इस छोटी सी कहानी के जरीये जाकी इंसान अगर ठान ले तो वो मुश्किलों के समंदर से भी निकल सकता है।

एमिनेम कोई शुरुआत से ड्रग्स की लत में नहीं थे, यहां तक की उन्होंने पहली बियर भी 21-22 की उम्र में पी थी। पर जैसे-जैसे उनका करियर परवान चढ़ता गया चीजें बदलने लगी। शोज़ बड़े होते गये और उसके साथ बड़ी-बड़ी ऑफ्टर पार्टीज़, जिसमें हमेशा ड्रग्स की मौजुदगी होती थी। उनके मुताबिक शुरुआत में उन्होंने ड्रग का युज रिक्रियेश्नल परपज के लिये किया और म्युजिकल टुरस् के बाद वो ड्रग्स लेना बंद भी कर देते थे और फैमिली के साथ समय बिताते थे। 

2001 में किसी बार के सामने हाथापाई के केस में एमिनेम को हथियार रखने और छुपाने का दोषी पाया गया था और जज ने 2 साल के प्रोबाशन पिरियड का आदेश दिया था, प्रोबेशन पिरियड में आपको पुलिस अधिकारी के सुपरविजन में रहना होता है और इसे तोड़ने पर सजा होती है। इस रिस्क के बावजूद शोहरत की बुलंदी छुते हुऐ इस रैपस्टार ने ड्रग्स लेना जारी रखा और 2002 में रिलीज हुई फिल्म 8 माईल की शुटिंग के दौरान किसी ने एमिनेम को रिलैक्स करने के लिये एम्बियन नाम का ड्रग दिया जिसके वो बुरी तरह से आदी हो गये आईये थोड़ा इस ड्रग के बारे में जान लेते हैं, ये एक सेडेटिव/हिप्नोटिक ड्रग है जिसे इनसोमनिया के लिये प्रिसक्राइब किया जाता है और ये एक हाइली एडिक्टिव ड्रग है और शरीर इसके प्रति 3 से 4 महीने में टॉलरेंस डेवलप कर लेता है।

इसके बाद जब एमिनेम 2003 में प्रोबेशन पिरियड से बाहर आ गये तो उनके बिहेवियर पर जो कानून की थोड़ी बहुत लगाम थी वो भी खत्म हो गयी नतीजा ये हुआ की इसके बाद चीजें बद से बदतर होती गई, वो वेलियम और विकोडीन की 50-60 गोलियां वो हर रोज लेने लगे। 2005 के आते-आते लगभग हर रात नशे में होते थे। रोलिंग स्टोन मैगजीन के इंटरव्यु में एमिनेम ने बताया की उस समय उनका शरीर इतनी बुरी तरह से इन ड्रग्स पर डिपेंडेंट हो गया था की उनको नशे के लिये नहीं केवल नार्मल फील करने के लिये 50-60 गोलियां तो पूरे दिन भर में लेनी ही पड़ती थी। 

इसके बाद 2006 में एमिनेम के सबसे करीबी दोस्तों में से एक प्रुफ की हत्या हो गई, इस घटना ने एमिनेम को बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया। कई-कई दिन ऐसे होते थे की वो ड्रग्स लेते-लेते बूरा दिन बिस्तर पर निकाल देते थे, वो हमेशा गुस्से में और चिड़चिड़े रहने लगे थे इसके साथ एमिनेम का वजन 80 पाउंड बढ़ गया था।

2007 के दिसम्बर में एक बार एमिनेम विकोडीन की तलाश में निकले और डीलर ने उनको मेथाडोन नाम का ड्रग जो की अफीम पर बेस्ड होता है वो युज करने के लिये कनविंस कर लिया इसके बाद आने वाले कुछ दिनों तक एमिनेम ने बेलगाम हो कर मेथाडोन का नशा किया और एक दिन मेथाडोन के ओवरडोज से अपने बाथरुम में बेहोश होकर गिर पड़े और इसके बाद उनकी आँखे जब हॉस्पिटल में खुली तो डॉक्टरस् ने उन्हें बताया 4 बैग्स हेरोइन के बराबर नशा किया है और उनकी हालत बेहद नाजुक है और शायद चंद घंटो के मेहमान हैं। इसके बाद वो 2 दिन तक बेहोश रहे और किसी तरह मरने से बाल-बाल बचे। एमिनेम लगभग 1 हफ्ते तक हॉस्पिटल में रहने के बाद बिना अपना डी-टॉक्स पूरा करे वो घर आ गये, इस समय उनकी शारिरिक शक्ति बिलकुल खत्म सी हो गई थी और 2 ही दिन में उनको दौरा पड़ गया क्योंकि उनका डी-टॉक्स भी पूरा नहीं हुआ था। नतीजा फिर से हॉस्पिटल पर इस बार एमिनेम को एहसास हो गया की उन्हें अपनी लाइफ बदलनी होगी नहीं तो जिंदा नहीं बचेंगे और वो जो एक पिता के तौर पर जो वो करना चाहते हैं, वो नहीं कर पायेंगे।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद उन्होने सोबर रहने कोशिश चालू की पर पहले ही महीने में रिलेप्स हो गये इसके बावजूद एमिनेम ने हार नहीं मानी और काउंसलिंग, एक्सरसाइज, रनिंग और अन्य कई तरीकों से अपने आप को ड्रग्स के खतरनाक चुँगल ले बाहर निकाला और अपने म्युजिक कॅरियर के ग्राफ को और ऊपर ले गये।

एमिनेम ने अपने कॅरियर की बुलंदी अपने म्यजिक के प्रति अनडिवाइडेड डिवोशन और डेडिकेशन के दम पर हासिल की और दुनिया के सबसे बड़े रैपस्टार्स में से एक बने और यही डिवोशन और डेडिकेशन उन्होंने अपनी रिकवरी और सोबरॉयटी के लिये दिया। यहां याद रहे की एक समय में वो पूरी तरह से फिजिकली ड्रग्स पर निभर्र थे और कई एडिक्ट उस स्तिथि में कल्पना भी नहीं कर पाते एक दिन की भी बिना ड्रग्स के। इसलिये कभी भी किसी को ये सोच कर डिप्रेस नहीं होना चाहिये की सब कुछ बिगड़ चुका है अब कोशिश करने का कोई फायदा ही नहीं।     

ऐमिनेम की नर्क से वापसी2021-02-27T22:20:38+00:00

विथड्रावल कैसे हैंडल करें

 

जब आप शराब या कोई दुसरा सुखा नशा जैसे स्मैक, हेरोइन आदि एकदम से छोड़ते हैं तो आपकी तबियत बिगड़ने लगती है, आपको बैचेनी, घबराहट, नींद न आना, भूख न लगना जैसी प्रॉबलम का सामना करना पड़ता है। ऐसा इसलिये होता है क्योंकि आपका शरीर शराब या जो भी नशा आप करते हैं उसका अभ्यस्त/habitual  हो चुका होता है इसलिये जब वो ड्रग बॉडी के सिस्टम में नहीं पहुँचता तो हमारा शरीर ऐसे रियेक्ट करता है।

जब आप शराब या कोई भी नशा छोड़ते हैं तो विथड्रॉवल आना स्वाभाविक होता है। खासकर शुरुआत के 7 से 10 दिन तकलीफ देने वाले हो सकते हैं लेकिन इसके बाद शरीर नॉर्मल होने लगता है। 

तो चलिये यहां हम कुछ तरीके जानेगें जो आपको विथड्रॉवलस् को हैंडल करने में मददगार रहेंगे।

  • पहले तो आप कोशिश करें ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की और सुबह उठकर हल्के गर्म पानी में नींबु डालकर पीना भी फायदेमंद रहेगा। इस पिरियड में liquid intake ज्यादा से ज्यादा लें जैसे फ्रुट जुस, मिल्कशेक पर सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन बिलकुल न करें।
  • जितना हो सके हल्का खाना खायें कम तेल मिर्च का। विटामिन, आयरन, पोटेशियम युक्त फलों का सेवन करें।
  • क्रेविंग कम करने के लिये दिन में तीन से चार बार ठंडे पानी से नहायें। ऐसा करने से आपका शरीर से शराब की फिजिकल क्रेविंग कम होगी। 
  • विथड्रॉवल के दौरान अपने डेली रुटीन में हल्की एक्सरसाइज और योगा को शामिल करना बहुत जरुरी होता है। इससे आपको नींद आने में मदद मिलेगी। योगा के साथ प्राणायाम भी करना क्रेविंगस् को कम करता है।
  • कोशिश करें धूप मे बैठने की क्योंकि विटामिन डी का इससे अच्छा कोई सोर्स नहीं होता साथ ही धूप लेने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।
  • अगर इस दौरान आपकी नींद नहीं आती और शरीर में दर्द होता है तो आप डॉक्टर से कन्सल्ट कर सेडेटिव और पेन किलर ले सकते हैं। 

अल्कोहोल, स्मैक, अफीम आदि के विथड्रावल कई बार बहुत ही ज्यादा सिवीयर भी हो जाते हैं। जैसे हैलुसिनेशन में चले जाना या अपना आपा खो देना, ब्राउन शुगर/स्मैक के विथड्रॉवलस् में सीज़रस् भी आ सकते हैं इसलिये ऐसी कंडिशन में डी-टॉक्स के लिये री-हैब या हास्पिटल का तुरंत मदद लें क्योंकि इस तरह की कंडिशन घातक हो सकती है। इसके साथ ही कई केसेस में आई.वी का भी इस्तेमाल करना पड़ सकता है जो की घर पर पॉसिबल नहीं हो पाता।

यहां पर मैं आपको कहना चाहता हुँ की आप बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई न लें और किसी भी सिवीयर कंडिशन का इलाज खुद से करने की जरा भी कोशिश न करें।    

लंबे समय से चले आ रहे एडिक्शन से छुटकारा पाने के लिये हमे थोड़ी तकलीफ तो उठानी ही पड़ेगी, इसका कोई शार्ट-कट नहीं है पर यहां मैं एक बात तो गारंटी के साथ आपसे कह सकता हुँ की अगर इस लॉकडाउन में आप थोडी तकलीफ उठा कर नशे के भंवर से निकल गये तो पूरी लाइफ आजादी से रहेंगे। 

विथड्रावल कैसे हैंडल करें2021-02-27T22:22:14+00:00

ये गलतीयाँ न करें!

आज हम बात करेंगे उन 5 गलतीयों के बारे में जो शराब छोड़ते समय लगभग हर आदमी करता है। अगर पूरी 5 नहीं करता तो 2-3 तो जरुर करता है यहाँ हम इस बात पर इसलिये चर्चा कर रहें है क्योंकि इनमें से ही एक रिलेप्स का कारण बनती हैं। तो ये जरुरी हो जाता है की जब हम मेहनत कर रहे हैं वो सही दिशा में जाये।

  • जब आप शराब छोड़ते हैं तब आपको एहसास होता है की दिन कितना बड़ा है। क्योंकि जब आप हर दिन पी रहे होते हैं तो आपके पूरे दिन का चक्र सिर्फ और सिर्फ शराब के इर्दगिर्द घूम रहा होता है। इसलिये शराब छोड़ने के बाद जो आपके पास खाली समय बचेगा उसे किसी भी कंसट्रक्टीव काम से भरने की तैयारी कर लें।
  • जब आप पीते हैं तो आपको ऐसा लगता है कि आपके बहुत सारे दोस्त हैं। पर हकीकत में वो सिर्फ पीनेपीलाने वाले साथी होते हैं इसलिये उसी ग्रुप में लौट कर बैठना, भले ही आप के हाथ में कोल्डड्रिंक हो एक बेवकुफी है क्योंकि शराब आपको आर्कशित करेगी और आप दुखी महसुस करेंगे। इसलिये ये बहुत जरुरी है कि जब आप ऐसी जगहों और दोस्तों से दुरी बनायें।
  • एक और गलती जो ज्यादातर लोग करते हैं कि शराब छोड़ने को बहुत ज्यादा महत्व देना। वे लोग अपने आसपास ऐसा माहौल तैयार करते हैं कि 24 घंटे उनके दिमाग में शराब घूमती रहती है। खासकर उन लोगों को इसको इतना बड़ा ईशु नहीं बनाना चाहिये जो फिजिकली अल्कोहोल पर डिपेंडेंट नहीं है।
  • आपके साथ एक बात और होगी की जैसे आप शराब छोड़ देंगे, आप परेशान और चिड़चिड़ापन महसुस करेंगे क्योंकि आप को बहुत सारी बातों में प्रॉबलम नजर आने लगेगी। हो सकता है कि आप अपने आस पास के लोगों के साथ ज्यादा बहस करें। इन बातों से बिलकुल परेशान होने की जरुरत नहीं है क्योंकि सारी चीजें वैसी की वैसी है दरअसल हुआ ये है कि आप शराब छोड़ने के बाद ज्यादा सजग हो गये हैं आप ये सारी बातें नोटिस करने लगते हैं जो पहले शराब के पीछे छुप जाती थी।
  • सबसे ज्यादा जरुरी बात ये है की ये उम्मीद बिलकुल न रखें की सारी चीजें जो शराब की वजह से खराब हो गई थी वो एक रात में ठीक हो जायेंगी। हर एक आदमी अलग होता है और सबकी अलग कहानी होती है इसलिये चीजें बेहतर तो होंगी ये बात तो तय है पर इसकी कोई निश्चित समय सीमा तय नहीं कर सकते। आप इसको इस तरह से भी सोच सकते हैं की शराब पीने का सेल्फ अब्युज आपने सालों तक किया और छोड़ने पर पॉजिटिव रिजल्ट आने में कुछ तो टाईम लगेगा। इसलिये आपको सब्र रखना होगा और चीजें धीरेधीरे बेहतर हो जायेंगी।
ये गलतीयाँ न करें!2021-02-27T22:22:41+00:00

Message from Shri GKS Nasha Mukti Kendra Bhopal

इस लॉकडाउन के 21 दिनों में हम शराब की लत से कैसे छुटकारा पायें। तो इसी टॉपिक को हम एक कदम और आगे ले जाते हुये डिसकस करेंगे की कैसे शराब या दुसरे नशे छोड़ने पर होने वाले विथड्रॉवल को हैंडल किया जाये।
जब आप शराब या कोई दुसरा सुखा नशा जैसे स्मैक, हेरोइन आदि एकदम से छोड़ते हैं तो आपकी तबियत बिगड़ने लगती है, आपको बैचेनी, घबराहट, नींद न आना, भूख न लगना जैसी प्रॉबलम का सामना करना पड़ता है। ऐसा इसलिये होता है क्योंकि आपका शरीर शराब या जो भी नशा आप करते हैं उसका अभ्यस्त/habitual हो चुका होता है इसलिये जब वो ड्रग बॉडी के सिस्टम में नहीं पहुँचता तो हमारा शरीर ऐसे रियेक्ट करता है।
जब आप शराब या कोई भी नशा छोड़ते हैं तो विथड्रॉवल आना स्वाभाविक होता है। खासकर शुरुआत के 7 से 10 दिन तकलीफ देने वाले हो सकते हैं लेकिन इसके बाद शरीर नॉर्मल होने लगता है।
तो चलिये यहां हम कुछ तरीके जानेगें जो आपको विथड्रॉवलस् को हैंडल करने में मददगार रहेंगे।
– पहले तो आप कोशिश करें ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की और सुबह उठकर हल्के गर्म पानी में नींबु डालकर पीना भी फायदेमंद रहेगा। इस पिरियड में liquid intake ज्यादा से ज्यादा लें जैसे फ्रुट जुस, मिल्कशेक पर सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन बिलकुल न करें।
– जितना हो सके हल्का खाना खायें कम तेल मिर्च का। विटामिन, आयरन, पोटेशियम युक्त फलों का सेवन करें।
– क्रेविंग कम करने के लिये दिन में तीन से चार बार ठंडे पानी से नहायें। ऐसा करने से आपका शरीर से शराब की फिजिकल क्रेविंग कम होगी।
– विथड्रॉवल के दौरान अपने डेली रुटीन में हल्की एक्सरसाइज और योगा को शामिल करना बहुत जरुरी होता है। इससे आपको नींद आने में मदद मिलेगी। योगा के साथ प्राणायाम भी करना क्रेविंगस् को कम करता है।
– कोशिश करें धूप मे बैठने की क्योंकि विटामिन डी का इससे अच्छा कोई सोर्स नहीं होता साथ ही धूप लेने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।
– अगर इस दौरान आपकी नींद नहीं आती और शरीर में दर्द होता है तो आप डॉक्टर से कन्सल्ट कर सेडेटिव और पेन किलर ले सकते हैं।
अल्कोहोल, स्मैक, अफीम आदि के विथड्रावल कई बार बहुत ही ज्यादा सिवीयर भी हो जाते हैं। जैसे हैलुसिनेशन में चले जाना या अपना आपा खो देना, ब्राउन शुगर/स्मैक के विथड्रॉवलस् में सीज़रस् भी आ सकते हैं इसलिये ऐसी कंडिशन में डी-टॉक्स के लिये री-हैब या हास्पिटल का तुरंत मदद लें क्योंकि इस तरह की कंडिशन घातक हो सकती है। इसके साथ ही कई केसेस में आई.वी का भी इस्तेमाल करना पड़ सकता है जो की घर पर पॉसिबल नहीं हो पाता।
यहां पर मैं आपको कहना चाहता हुँ की आप बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई न लें और किसी भी सिवीयर कंडिशन का इलाज खुद से करने की जरा भी कोशिश न करें।
लंबे समय से चले आ रहे एडिक्शन से छुटकारा पाने के लिये हमे थोड़ी तकलीफ तो उठानी ही पड़ेगी, इसका कोई शार्ट-कट नहीं है पर यहां मैं एक बात तो गारंटी के साथ आपसे कह सकता हुँ की अगर इस लॉकडाउन में आप थोडी तकलीफ उठा कर नशे के भंवर से निकल गये तो पूरी लाइफ आजादी से रहेंगे।

Message from Shri GKS Nasha Mukti Kendra Bhopal2021-02-27T22:22:47+00:00

21 days lockdown

इस 21 दिन के लॉकडाउन का इस्तेमाल हर व्यक्ति जो व्यसन की समस्या से ग्रसित है इस अभिशाप से सदा के लिये मुक्त होने के लिये कर सकता है। जो कोई भी व्यक्ति जो अपने नशा करने की आदत से परेशान है इस लॉकडाउन को एक सुनहरे अवसर में तब्दील कर सकता है। थोड़ी सी इच्छा शक्ति और प्रतिबध्दता से जीवन में आप व्यसन छोड़ कर बहुत बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इसके लिये कोई भी व्यक्ति नशा मुक्ति केंद्रो में इलाज का प्रारुप अपना सकते हैं।
नशा मुक्ति केंद्रो में नशे की लत के इलाज चरणबध् तरीके से होता है।
पहला चरण – डी-टॉक्सीफिकेशन का होता है। इस चरण में शरीर में मौजूद सारे हानिकारक तत्व प्राकृतिक तरीके से निकल जाते है। इसकी अवधि 7-10 दिन की होती है। इस दौरान नशे से एकदम दूरी के कारण व्यक्ति को विथड्रॉवल आ सकते हैं, पर इन सबको कुछ दवाईयों के द्वारा मैनेज किया जा सकता है। कुछ दिनो के बाद ये समस्या खत्म हो राती है क्योंकि धीरे-धीरे सारे टॉक्सीनस् शरीर से प्राकृतिक रुप से निकल जाते हैं।
दुसरा चरण – में अपने आप को एक समय-सारणी पर आधारित दिनचर्या में ढ़ालना होता है। जिसमें समय से भोजन करना सबसे ज्यादा अहम है क्योंकि ऐसा करने से आपका मन नशे की तरफ नहीं भटकेगा। इसके साथ योग व ध्यान का अभ्यास आपको फोकस रखेगा।
तीसरा चरण – शारिरिक तलब पूरी तरह से खत्म होने के बावजूद हर व्यसन करने वाले व्यक्ति के अंदर कुछ बातें रहती जो कभी भी नशा करने के लिये उकसा सकती हैं। इस चरण में व्यक्ति को अपने परिवार दोस्त के साथ बैठकर चिंतन करना चाहिये और यदि जरुरत पड़े तो प्रोफेशनल काउंसलर को भी कन्सल्ट कर सकते हैं।
अल्कोहोल विथड्रॉवल होने पर खाली पेट नींबु पानी पीना आराम दे सकता है और शारिरिक तलब कम करने के लिये हमेशा भरे पेट रहना कारगर सिध्द होगा।
सूखे नशे के विथड्रॉवल के लिये हाई प्रोटीन डाइट मददगार होगी और अगर ज्यादा दिक्कत् हो तो डॉक्टर को अवश्य कन्सल्ट करें।

21 days lockdown2021-02-27T22:22:54+00:00

How to Quit Drugs

How to Quit Drugs

Doing drugs always starts with the intent of having fun. This idea of having the feeling of rush or euphoria through drugs is not worth the risk. Every drug which produces the effect of dopamine release in the brain is addictive in nature. Few of these drugs are so dangerous that by using only a single time humans may develop a physical craving for them. The longer the time spent on doing drugs, the harder it becomes the task of quitting. Since the drugs tend to alter chemical release in our brain therefore sometimes with prolonged use it is very tough to reverse or change altercation caused by the drug. In addition to that doing drugs is always dangerous because if you view this scenario from a medical professional perspective, you are simply administrating drugs in your body by rough estimates and without precautions. Therefore the chances of overdose and infections are always there with drug use. There is no straight answer to “how to quit drugs” because letting go of this habit is a serious task. However, we can categorize an individual by the time spent under using drugs. 

Individual who had spent less than a year under the influence of drugs is likely to have less dependency on the drug. Therefore, it is very much possible he or she might get rid of this habit by applying a few tricks and techniques to overcome the urges of taking the drug. Here are a few tips on how to quit drugs.

  1. Avoid hanging out with all those friends who do drugs. Try to close all the links made for obtaining the drug. 

  2. Tell your family and friends about your decision of quitting drugs because it is very good to have the support of your loved one.

  3. Try to join Narcotics Anonymous in your city. They might have all the answers for overcoming the hurdles in the path of recovery. Try to attend Narcotics Anonymous meetings.

  4. Avoid all temptation that acts as a trigger for your urge of drug use. Keep your morale high and commitment strong.

  5. You can also consult with your doctor on how to quit drugs. The doctor can prescribe you some medicines which will help suppress cravings and help you with sleeping.

For the individual who is badly addicted to drugs, suddenly quitting drugs can result in the withdrawal phase. In this condition, the individual suffering requires treatment and detoxification. Therefore it is suggested the individual must enroll him/her self in the well-reputed rehabilitation center. 

Drug addiction is a serious problem, especially if you have withdrawal symptoms on quitting the use of the drug. Having withdrawal means that your body has a high dependence on drugs. In the rehabilitation center, they have experienced staff that will assist you in your withdrawal phase. The rehabilitation center has all the necessary medical means to deal with any physical trouble during withdrawal. Generally, the body takes about 20-30 days in complete detoxification. After that, your psychological analysis is done by counselors and psychiatrists. Even if you are motivated to quit drugs there is nothing harm in getting a psychiatrist’s opinion because the drugs which you had been taking for such a long time tend to have an effect on brain chemistry. How to Quit Drugs

Doing drugs does not affect only your health but at the same time it will lead you to mental emptiness and doing drugs will also hammer you financially. In the quest of how to quit drugs, the most important thing is the commitment to the pledge you have made.           

OUR FACEBOOK

How to Quit Drinking alcohol

Learn how to quit smoking

     

 

How to Quit Drugs2021-02-27T22:23:14+00:00

शराब कैसे छोड़ें

शराब कैसे छोड़ें

पिछले कुछ सालों में शराब पीने का चलन काफी बढ़ा है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि सरकारी आंकड़ों के हिसाब से शराब की खपत हर साल 30-40 प्रतिशत बढ़ रही है। हम लोग शराब के जाल में कब फंस जाते हैं ये पता ही नहीं चल पाता। जब शराब पीना आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन जाता तो आपके पूरे दिन की गतिविधीयां शराब पीने के समय अनुसार निर्धारित होती हैं। शराब पीने की कोई सुरक्षित मात्रा नहीं होती क्योंकि आज नहीं तो कल मात्रा बढ़नी ही है। अगर आप शराब न मिलने के कारण चिड़चिड़ा महसुस करते हैं तो ये संकेत है कि, आप की शराब पर निर्भरता है। ये स्तिथि, नर्क के द्वार पहली सीढी है इसलिये सबसे अच्छा है कि समय रहते शराब छोड दी जाये। 

शराब कैसे छोंड़े, इस सवाल का न तो कोई सीधा जवाब है और न कोई दवाई। ये सवाल सबसे पहले अपने आप से करना चाहिये क्योंकि कोई भी बुरी आदत छोड़ने के लिये मजबूत इरादे और इच्छा शक्ति की जरुरत होती है। शराब छोडने के लिये कुछ तरीके और सुझाव हैं। जिनको आप अपना जिन्दगी में उतार कर शराब से दूर रह सकते हैं। इन सुझावों को अमल में लाना आसान तो नहीं है पर शराब छोड़ने के लिये थोड़ी मेहनत करना घाटे का सौदा नहीं है।

  1. आप अपने शराब छोड़ने के निर्णय के बारे में अपने परिवार और दोस्तों को बता दें और उनकी भी सलाह लें की शराब कैसे छोड़े? उनसे आग्रह करें की वो आप पर नजर रखें। ऐसा करने से आपका शराब छोड़ने का इरादा मजबूत होगा क्योंकि आप ये बिलकुल नहीं चाहेंगे की आपकी शराब पीने की वजह से बेज्जती हो।
  2. आपकी दिनचर्या में जो भी खाली समय निकलता है उसे किसी ऐसी गतिविधियों में लगायें जिसमें शारिरिक परिश्रम करना पड़ता हो। आप हेल्थ-क्लब जा सकते हैं, क्रिकेट, बैडमिंटन आदी खेल सकते हैं। ऐसा करने से आप तंदुरस्त तो रहेंगे साथ ही आपको अच्छी नींद भी आयेगी।
  3. उन लोगों की संगत से आप खासतौर पर बचें जो की ज्यादा शराब पीते हों और उस समय तो उनके पास बिलकुल न जायें जब वो पी रहे हों।
  4. जब आप छोड़ते हैं तो पहले 2-3 हफ्ते बहुत नाजुक होते हैं, इस दौरान आपको शराब के आर्कषण से बचना होगा। आप घर पर रखी बोतलें फेंक दे और उन जगह न जायें जहां आप बैठकर पीते थे।
  5. आप आराम से बैठकर अपना आत्म-विश्लेषण करें और उन सारी बातों की सूची बनायें जो आपको पीने के लिये उकसाती हैं। अक्सर देखा गया है कि जो लोग नियमित रुप से शराब पीते हैं वो गुस्सा आने पर या थोड़ा भी परेशान होने पर शराब पी लेते है इसलिये हमें पहले से तैयार रहना चाहिये।

आप यहां पर एल्कोहोलिक्स एनॉनिमस नामक फैलोशिप की भी सहायता ले सकते हैं। वहाँ आपको शराब कैसे छोड़ें के और तरीके मिल सकते हैं। आप ए.ए की बैठकों में हिस्सा ले सकते हैं और वहां जाकर आपको पक्का पता चल जायेगा की आपका शराब छोड़ने का निर्णय एकदम सही था। जैसा की आप जानते हैं, शराब का सेवन केवल हमारे स्वास्थ पर ही नहीं बल्कि हमारे परिवार और सामाजिक प्रतिष्ठा पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।

आप अपने डॉक्टर से भी मश्वरा कर सकते हैं कि शराब कैसे छोड़े। बहुत हद तक ये संभावना की शुरुआत में नींद की और पेट की समस्या हो। ऐसा अगर होगा तो वह भी शुरुआत में, धीरे-धीरे शरीर तालमेल बिठा लेगा और सामान्य हो जायेगा।

शराब छोड़ना आसान काम तो नहीं है मगर ये असंभव भी नहीं है। इसके लिये आपको अपना मनोबल ऊँचा रखना है और संकल्प पर कायम रहना है। आप शराब छोड़ने के सिर्फ 20-25 दिन बाद अपने शरीर में सकारात्मक बदलाव देख सकेंगे। सर्वप्रथम आपके शरीर की पाचन क्रिया बेहतर हो जायेगी और आपको छोटे-मोटे सर्दी जुकाम से भी छुटकारा मिलेगा क्योंकि शराब छोड़ने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।    

OUR FACEBOOK

How to Quit Drinking alcohol

Learn how to quit smoking

शराब कैसे छोड़ें2021-02-27T22:23:36+00:00

How to Quit Drinking alcohol

How to Quit Drinking

The habit of drinking in our society today has become more embedded in our daily lifestyle than what it used to be five years ago. We may find ourselves in the grasp of this habit without even noticing the negative impacts of it in all aspects of our life. When the habit of drinking becomes an important part of your daily routine you will find yourself obsessed with drinking if you are not able to find a drink at that particular time of your schedule. If you are also experiencing the same issues in your life then it is the right time to get rid of this habit. “How to quit drinking” is a question which should be asked to oneself, since the key to give up any bad habit is self-control and will power. Alcohol consumption can be very dangerous therefore the effort invested in getting rid of the habit of drinking at early stages can be worthy.

There is no perfect answer to “How to quit drinking?” question. However, there are tips and techniques which you can apply and use in your life to quit drinking. 

  1. Tell your family and friends about your decision of quitting alcohol and request them to keep a check on you. This will make your commitment stronger as you don’t want them to see you lose. 

  2. Try to fill the extra time available at your hand with some physical activity like playing badminton, cricket or you can just hit the gym or fitness club. Therefore by little working out, you will have a good night’s sleep and there might be less chance of you missing alcohol.

  3. Try to avoid hanging around with the people who are heavy drinkers, especially when they drink.

  4. Keep yourself away from the temptation to have a drink. Particularly when you start quitting because the first two-three weeks are very crucial. 

  5. Identify conditions and circumstances that act as a trigger for your drinking. It is very much possible that you may involuntarily take a drink, so it is better to be prepared beforehand.

For any more questions about how to quit drinking, you can always go to Alcoholics Anonymous fellowship in your city. You can attend their daily meetings and from there you will certainly realize that you have taken the right decision to quit drinking.

The major change you will going to take note of is that your appetite will increase and you will have better digestion. Also, your immune system works better when you do not have alcohol in your system. The list of benefits of giving up this habit is endless.

You can also consult with your doctor about how to quit drinking. The doctor can prescribe you some medicines for your appetite and sleeping problems, which you are likely going to have in starting days of quitting alcohol. To quit alcohol is not an easy task to accomplish but it is not impossible. You just have to keep your morale high and if you want some motivation to keep working on how to quit drinking then please go through many stories on web and magazines about the devastating effects of alcohol in people’s life.  

It will be tough to get through with each day at the start but gradually it will become easier as you will adapt to new sleeping and eating patterns.  

OUR FACEBOOK

How to Quit Drinking alcohol

Learn how to quit smoking

How to Quit Drinking alcohol2021-02-27T22:23:44+00:00

नशा मुक्ति केंद्र में उपचार

नशा मुक्ति केंद्र में उपचार

सामान्य तौर पर नशा करने वाले व्यक्ति से ज्यादा परेशान उनके परिवार के सदस्य होते हैं क्योंकि ये स्वभाविक है कि हम किसी अपने को नशे के गर्त में जाते हुये नहीं देख सकते। एक नशे का आदि हो चुका व्यक्ति को बिना किसी की सहायता के नशा छोड़ने में काफी कठिनाई होती है। साथ ही हमें ये समझना होगा की नशा कई प्रकार के पदार्थों का होता है और उनका असर भी हमारे शरीर पर अलग-अलग तरह का बोता है। हम नशे के आदि हो चुके व्यक्ति को बिमार होने पर य़ा ओवरडोज़ हो जाने पर क्लीनिक या अस्पताल में भी भर्ती करवाते हैं। वहाँ से ठीक होने पर मरीज कुछ समय बाद अपनी पुरानी दिनचर्या पर लौट जाता है जिसमें नशा करना भी शामिल होता है।

हम अपने आप को या अपने परिवार के किसी सदस्य को नशे की लत से छुटकारा दिला सकते हैं। ये एक बिमारी है जिसका सही तरीके से उपचार आवश्यक है। नशे की लत की बिमारी का नशा मुक्ति केंद्र में उपचार थोड़ा मुश्किल और लंबा हो सकता है पर यह सबसे कारगर माध्यम है। इसके बहुत सारे कारण हैं। इसको विस्तार से समझने से पहले हमें सबसे पहले ये जानना होगा की नशे की लत की बिमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को लग सकती है और इससे समाज का कोई भी वर्ग अछुता नहीं है। इस बिमारी का मरीज कोई भी हो सकता है। हमें इसके उपचार के लिये न केवल अपने शरीर पर काम करना पड़ता है बल्कि हमें अपनी मानसिकता और जीवन जीने के ढ़ंग पर भी काम करना होता है। हम और किसी माध्यम से उपचार करते हैं तो उनमें से अधिकांश सिर्फ शरीर पर काम करते हैं, इसी वजह से इनका असर केवल कुछ समय के लिये होता है। हमको ये पता होना चाहिये की नशे का प्रलोभन बहुत ही तीव्र होता है और इसके जाल से बचने के लिये हर नशे के आदि व्यक्ति को मानसिक रुप से तैयार होना होता है।

नशा मुक्ति केंद्र में उपचार कई कारणों से सबसे उत्तम विकल्प है। यहाँ हर मरीज का उपचार उसकी उम्र और नशे का प्रकार देखकर किया जाता है क्योंकि ये दोनो ही बातें उपचार की अवधि और कुछ तरीकों पर असर करती हैं। नशा मुक्ति केंद्र में काम करने वाले सारे लोग और केंद्र द्वारा नियुक्त डॉक्टर एंव काउन्सलर सभी लोग इस काम के प्रति सर्मपित होते हैं।

यह सारी सुविधाऐं हमें एक ही जगह मिल जाती हैं। अधिकांश लोग जो नशा मुक्ति केंद्र द्वारा रखे जाते हैं वो नशाखोरी के भयानक परिणामों से भली-भांती परिचित होते हैं और वो उपचार की प्रक्रिया से गुजर रहे मरीज की मानसिकता को समझते हैं तथा कदम-कदम पर उनकी सुधार में मदद करते हैं। यहाँ पर नियुक्त मनोचिकित्सकों को इस तरह के मरीजों का काफी अनुभव होता है जिससे वो मरीज की अवसाद, बैचेनी आदि मानसिक समस्याओं को सुलझाने में सक्षम हाते हैं। बहुत बार ये देखा गया है कि जब मरीज को नशे की शारिरिक तलब खत्म हो जाती है उसके बाद कुछ समय बाद वो फिर उसे याद करने लगता है। तब काउन्सलर उनका नशे के प्रति नजरीया बदलने में सहायक सिध्द होते हैं। यह सब मिलकर नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति को पूर्ण रूप से स्वस्थ करते हैं।

इसके अतिरिक्त अगर कोई मरीज स्वस्थ होने के बाद दोबारा नशे की चपेट में आता है और अपने आप से नशा मुक्ति केंद्र आता है तो ये संस्थाऐं पीड़ित की सहायता करती हैं। आंकड़ों के अनुसार नशे की लत से संबधित समस्याऐं देश में लगातार बढ़ती जा रही हैं, ऐसी स्तिथि में नशा मुक्ति केंद्र में उपचार का विकल्प सबसे सटीक साबित होता है क्योंकि इससे और माध्यमों की अपेक्षा बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।    

 

नशा मुक्ति केंद्र में उपचार2021-02-27T22:24:16+00:00
Go to Top