दोस्तों आज हम आपको वर्ल्ड फेमस रेपस्टार या रेप गॉड कही जाने वाली शख्सियत एमिनेम की जिन्दगी के कुछ अंश का उदाहरण देकर ये बताने वाला हुँ कि नर्क जाकर भी वापस लौटा जा सकता है। आइये तो हम जानेंगे इस छोटी सी कहानी के जरीये जाकी इंसान अगर ठान ले तो वो मुश्किलों के समंदर से भी निकल सकता है।
एमिनेम कोई शुरुआत से ड्रग्स की लत में नहीं थे, यहां तक की उन्होंने पहली बियर भी 21-22 की उम्र में पी थी। पर जैसे-जैसे उनका करियर परवान चढ़ता गया चीजें बदलने लगी। शोज़ बड़े होते गये और उसके साथ बड़ी-बड़ी ऑफ्टर पार्टीज़, जिसमें हमेशा ड्रग्स की मौजुदगी होती थी। उनके मुताबिक शुरुआत में उन्होंने ड्रग का युज रिक्रियेश्नल परपज के लिये किया और म्युजिकल टुरस् के बाद वो ड्रग्स लेना बंद भी कर देते थे और फैमिली के साथ समय बिताते थे।
2001 में किसी बार के सामने हाथापाई के केस में एमिनेम को हथियार रखने और छुपाने का दोषी पाया गया था और जज ने 2 साल के प्रोबाशन पिरियड का आदेश दिया था, प्रोबेशन पिरियड में आपको पुलिस अधिकारी के सुपरविजन में रहना होता है और इसे तोड़ने पर सजा होती है। इस रिस्क के बावजूद शोहरत की बुलंदी छुते हुऐ इस रैपस्टार ने ड्रग्स लेना जारी रखा और 2002 में रिलीज हुई फिल्म 8 माईल की शुटिंग के दौरान किसी ने एमिनेम को रिलैक्स करने के लिये एम्बियन नाम का ड्रग दिया जिसके वो बुरी तरह से आदी हो गये आईये थोड़ा इस ड्रग के बारे में जान लेते हैं, ये एक सेडेटिव/हिप्नोटिक ड्रग है जिसे इनसोमनिया के लिये प्रिसक्राइब किया जाता है और ये एक हाइली एडिक्टिव ड्रग है और शरीर इसके प्रति 3 से 4 महीने में टॉलरेंस डेवलप कर लेता है।
इसके बाद जब एमिनेम 2003 में प्रोबेशन पिरियड से बाहर आ गये तो उनके बिहेवियर पर जो कानून की थोड़ी बहुत लगाम थी वो भी खत्म हो गयी नतीजा ये हुआ की इसके बाद चीजें बद से बदतर होती गई, वो वेलियम और विकोडीन की 50-60 गोलियां वो हर रोज लेने लगे। 2005 के आते-आते लगभग हर रात नशे में होते थे। रोलिंग स्टोन मैगजीन के इंटरव्यु में एमिनेम ने बताया की उस समय उनका शरीर इतनी बुरी तरह से इन ड्रग्स पर डिपेंडेंट हो गया था की उनको नशे के लिये नहीं केवल नार्मल फील करने के लिये 50-60 गोलियां तो पूरे दिन भर में लेनी ही पड़ती थी।
इसके बाद 2006 में एमिनेम के सबसे करीबी दोस्तों में से एक प्रुफ की हत्या हो गई, इस घटना ने एमिनेम को बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया। कई-कई दिन ऐसे होते थे की वो ड्रग्स लेते-लेते बूरा दिन बिस्तर पर निकाल देते थे, वो हमेशा गुस्से में और चिड़चिड़े रहने लगे थे इसके साथ एमिनेम का वजन 80 पाउंड बढ़ गया था।
2007 के दिसम्बर में एक बार एमिनेम विकोडीन की तलाश में निकले और डीलर ने उनको मेथाडोन नाम का ड्रग जो की अफीम पर बेस्ड होता है वो युज करने के लिये कनविंस कर लिया इसके बाद आने वाले कुछ दिनों तक एमिनेम ने बेलगाम हो कर मेथाडोन का नशा किया और एक दिन मेथाडोन के ओवरडोज से अपने बाथरुम में बेहोश होकर गिर पड़े और इसके बाद उनकी आँखे जब हॉस्पिटल में खुली तो डॉक्टरस् ने उन्हें बताया 4 बैग्स हेरोइन के बराबर नशा किया है और उनकी हालत बेहद नाजुक है और शायद चंद घंटो के मेहमान हैं। इसके बाद वो 2 दिन तक बेहोश रहे और किसी तरह मरने से बाल-बाल बचे। एमिनेम लगभग 1 हफ्ते तक हॉस्पिटल में रहने के बाद बिना अपना डी-टॉक्स पूरा करे वो घर आ गये, इस समय उनकी शारिरिक शक्ति बिलकुल खत्म सी हो गई थी और 2 ही दिन में उनको दौरा पड़ गया क्योंकि उनका डी-टॉक्स भी पूरा नहीं हुआ था। नतीजा फिर से हॉस्पिटल पर इस बार एमिनेम को एहसास हो गया की उन्हें अपनी लाइफ बदलनी होगी नहीं तो जिंदा नहीं बचेंगे और वो जो एक पिता के तौर पर जो वो करना चाहते हैं, वो नहीं कर पायेंगे।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद उन्होने सोबर रहने कोशिश चालू की पर पहले ही महीने में रिलेप्स हो गये इसके बावजूद एमिनेम ने हार नहीं मानी और काउंसलिंग, एक्सरसाइज, रनिंग और अन्य कई तरीकों से अपने आप को ड्रग्स के खतरनाक चुँगल ले बाहर निकाला और अपने म्युजिक कॅरियर के ग्राफ को और ऊपर ले गये।
एमिनेम ने अपने कॅरियर की बुलंदी अपने म्यजिक के प्रति अनडिवाइडेड डिवोशन और डेडिकेशन के दम पर हासिल की और दुनिया के सबसे बड़े रैपस्टार्स में से एक बने और यही डिवोशन और डेडिकेशन उन्होंने अपनी रिकवरी और सोबरॉयटी के लिये दिया। यहां याद रहे की एक समय में वो पूरी तरह से फिजिकली ड्रग्स पर निभर्र थे और कई एडिक्ट उस स्तिथि में कल्पना भी नहीं कर पाते एक दिन की भी बिना ड्रग्स के। इसलिये कभी भी किसी को ये सोच कर डिप्रेस नहीं होना चाहिये की सब कुछ बिगड़ चुका है अब कोशिश करने का कोई फायदा ही नहीं।