गांजा, भांग (cannabis, ganja,weed, marijuana) का नशा कैसे उतारें
-मुझे मेरे दोस्तों ने गांजा पीला दिया है..
-मैंने पहले कभी नशा नहीं किया..
-अब पांच-छः दिन से मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा बहुत अजीब लग रहा है..
-बातें भूल जा रहा हूँ..
कोई उपाय बताओ जिससे मैं ठीक हो जाऊ।
अगर आपको भी आपके दोस्तों ने धोखे से गांजा पिला दिया है या आपने ही जान कर ये गलती की है और अब ऐसी ही परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो इन कुछ उपायों से आप इस नशे को उतार सकते हैं
1.पहला खट्टी चीजें खाना जैसे नीबू , इमली , दही , छाछ , कैरी जैसी चीजों को खान। इनमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स नशे को कम कर देते हैं।
2.दूसरा काली मिर्च के 3-4 दाने खाने से गाँजे का नशा काफ़ी हद तक कम हो जाता है । ऐसा इस लिए होता है क्यूँकि दोनो के पौधे समान टैरापाइड प्रोफ़ायल के होते हैं ।
3.तीसरा सरसों के तेल को हल्का गुनगुना करके तेल कि दो-दो बून्द कान में डाल कर लेट जाए।
4.चौथा ठन्डे पानी से दिन में दो-तीन बार नहाना, ऐसा करने से नशा बहोत जल्दी उतार जाएगा और दिमाग़ भी शांत होगा । और आखरी काम जो करना है वो ये कि लम्बी-गहरी नींद लें। इस बारे में ज्यादा सोचें नहीं कि गांजा आपके दिमाग पर हावी हो रहा है या इस तरह के ख्याल मन में न लाएं कि आप पागल हो जाएंगे।
इन उपायों को करने से आपको काफी हद तक नार्मल फील होने लगेगा । अगर 8-10 दिन निकलने के बाद भी आपको ऐसा लगता है कि आपको परेशानी हो रही है तो साइकेट्रिस्ट से जाकर सलाह जरूर लें।
आपके लिए ये भी जानना जरुरी है
गाँजा पीने से हमारे ब्रेन के फंक्शन प्रभावित होते हैं. जैसे कि शॉर्ट-टर्म मेमोरी, चीजों में सही तालमेल ना बिठा पाना, पढ़ने लिखने में परेशानी, पीने वाले का टाइम पर्सेप्शन बिगड़ जाता है. ये सब इफेक्ट्स हर किसी के लिए अलग-अलग होते हैं । गाँजे में मौजूद THC धीरे धीरे असर करना शुरू करता है इसीलिए अधिकतर जो लोग इसका नशा नहीं करते वो अनजाने में ज़्यादा गाँजा पी लेते हैं और जब ये हिट करना शुरू करता है तो पता चलता है की ये तो समस्या बन गया ।
लेकिन ये सब तो गाँजा फूंकने के दौरान होता है. यानी शॉर्ट-टर्म इफेक्ट्स हैं। यदि आप लम्बे समय तक वीड या गांजा पीते रहेंगे तो आपको साँस का रोग हो सकता है। कम उम्र में गांजे सेवन करने वालों का ब्रेन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है. जब तक हम 20 साल के नहीं होते, हमारा दिमाग़ पूरी तरह डेवेलप नहीं होता. कई स्टडीज़ में पाया गया है कि टीन-एज यानी किशोर अवस्था में गांजा फूंकने वालों की कॉग्निटिव एबिलिटी पर बुरा असर पड़ सकता है. इसका अत्यधिक सेवन करने से इस पर निर्भरता बढ़ती है. यानी इसके बिना रहना अजीब लगता है और गांजा साइकोसिस यानि मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर भी डेवलप हो सकता है।