अगर आप कुछ गतिविधियों पर ध्यान रखें तो नशे की बढ़ती लत को शुरुआत में ही पहचाना जा सकता है।
1- व्यक्ति के खर्चे अचानक बढ़ जाना या घर से कीमती सामान गायब होने लगना।
2- व्यवहार में परिवर्त।
3- किसी काम में मन ना लगन।
4- घर से ज्यादा समय तक बाहर रहन।
5- अकेले रहना या घर में किसी से बात ना करन।
6- स्कूल या कॉलेज में गैरहाजिर रहन।
7- एक ही जगह पर लम्बे समय तक बैठे रहना।
8- अधिक गुस्सैल व झगडालू हो जाना।
9- पढाई का स्तर कम हो जाना या अचानक से परीक्षा में खराब रिज़ल्ट आना।
10- नए-नए दोस्तों का निश्चित समय पर घर आना-अधिक खर्च की मॉंग व पैसा नहीं मिलने पर उतेजित व आक्रामक हो जाना।
11- शराब की गंध छिपाने के लिये सुगंध वाली चीजें चबाते रहना (गुटका, पानबहार, च्विंगम इत्यादि)।
12- चाल में लडखडाहट, बोलने में तुतलाहट अथवा हकलाहट आ जाना।
13- बेसमय सोते रहना।
14- गंदगी से रहना, कई दिन तक ना नहाना, दाढ़ी और नाखून बढ़ाए रखना।
15- बाथरूम या टॉयलेट में ज़्यादा समय बिताना।
16- शरीर व हाथों पर इंजेक्शन के ताजा निशान अथवा सूजन।
17- उँगलियों का ऊपरी हिस्सा जला हुआ होना।
18- आंखों का लाला हो जाना, आंखे बुझी सी रहना, आंखों के नीचे सूजन व आंख की पुतली सुंई की नोक की तरह सिकुड़ जान।
19- घर के कमरे में अथवा बाथरूम-टॉयलेट में इंजेक्शन की खाली सिरिंज, बटर पेपर, एल्यूमिनियम की फाइल का व पतली प्लास्टिक की पाइप व धुँए के काले निशान वाले सिक्के का मिलना।
20- शरीर से या कपड़ों से जले हुए जैसी गंध आना।
21- जेब में आई ड्रॉप रखना।
22- आपराधिक प्रवृति बढ़ जाना।
23- स्वभाव में अचानक परिवर्तन आ जाना, झूंठ बोलना, उधार लेना, चोरी करना व असामाजिक गतिविधियों में लिप्त हो जाना।
24- आँखें चुराकर बात करना।
25- लगातार वजन कम होना, कमजोरी और जल्दी थक जाना।
26- हमेशा जल्दबाज़ी में रहना।
27- हर किसी पर शक करना।
28- हमेशा नकारात्मक पहलू को देखना।
आज परिवारों के सामने सबसे कठिन समस्याओं में से एक ये देखना है कि उनके परिवार का कोई एक सदस्य पति, पत्नी, पुत्र, बेटी या कोई अन्य प्रिय व्यक्ति नशे का शिकार हो चूका है। नशा न कि केवल नशा पीड़ित व्यक्ति को बल्कि पूरे परिवार को प्रभावित करता है । इन 10 बातों पर अमल करके परिवार के सदस्यों को किसी प्रियजन की लत से निपटने में मदद कर सकती हैं।
1- नशे के बारे में सही जानकारी लेना जिससे कि आप ये समझ पाएं कि नशा करना कोई बुरी आदत नहीं बल्कि एक बीमारी है, जो कि इलाज से और सपोर्ट से दूर होगी न कि गुस्सा करने से या मारने से।
2- ऐसे लोगों या सपोर्ट ग्रुप से सलाह लें जो इस बीमारी से उभर चुके हैं।
3- नशा पीड़ित के साथ समय बिताएं ताकि आप उनका भरोसा जीत सकें और पता लगा सकें कि आपके परिजन किसी परेशानी में तो नहीं फसे हुए।
4- पीड़ित से दोस्त की तरह नशे से होने वाले शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान के बारे में चर्चा करें।
5- पीड़ित के स्कूल/कॉलेज के दोस्तों या सहकर्मियों से बात करें ताकि परेशानी की गंभीरता को आप समझ पाएं।
6- पीड़ित को ये समझाने की कोशिश करें कि उसे मदद कि जरुरत है।
7- पीड़ित को ये अहसास दिलाएं कि आप उनकी किसी भी परेशानी को खुले मन से समझकर उसका समाधान करना चाहते हैं।
8- मनोवैज्ञानिक और काउंसलर कि मदद लें।
9- शारीरिक परेशानी बढ़ने से पहले चिकित्सक या नशा मुक्ति केंद्र से संपर्क करें।
10- किसी भी आपत्तिजनक या हिंसक व्यवहार को नजरअंदाज न करें और अधिक आर्थिक स्तिथि बिगड़ने का इंतजार न करें। इससे आपके और अन्य परिवार के सदस्यों कि ज़िन्दगी मुसीबत में पड़ सकती है।
अगर आप या आपका कोई अपना इस तरह की सोच रखता है तो ये समय से सावधान होजाने का और अपनी सोच को बदलने का क्यूंकि हर नशा पीड़ित भी यही सोचता था। नशा एक चतुर, चालक और मायावी बीमारी है इस लिए ऐसी सोच को अपने मन में घर न करने दे।
1- सभी नशा करते हैं तो मैं भी कर सकता हूँ।
2- मैं औरों की तरह नशेड़ी नहीं बन सकता।
3- मैं अपने नशे पर कंट्रोल कर सकता हूँ।
4- नशा करने से क्रिएटिविटी बढ़ती है।
5- बिना नशे के हम खुल कर एन्जॉय नहीं कर सकते।
6- नशा करने से कूल और ग्लैमरस छवि बनती है जैसा की हम फिल्मी कलाकारों और रॉकस्टार्स को देखते हैं।
7- नशा करने और करवाने से मैं लोगों से अपना काम आसानी से निकाल लेता हूँ।
8- नशा करने से मैं कूल और ताकतवर लोगों के ग्रुप का हिस्सा आसानी से बन सकता हूँ।
9- नशा करने से मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ जाता है।
10- नशा करने से सेक्स करने में ज्यादा आनंद मिलता है।
11- नशा करने से सारी दुःख तकलीफें दूर हो जाती हैं।