क्या है गांजा
गांजे (MARIJUANA) को पॉट और वीड भी कहा जाता है। ये एक साइकोएक्टिव (मन प्रभावी) ड्रग है जो कैनाबीस सटीवा श्रेणी के पौधे से आता है। ये शायद पूरे विश्व में सबसे ज्यादा एब्युज किया जाने वाला ड्रग है। इसको ज्यादातर जॉइंटस् में, बॉन्गस् में और पाइप में भर कर स्मोक किया जाता है। कई बार इसको खाने की चीजों में या चाय में भी डाल के लिया जाता है।
अल्कोहोल के कंपेरिजन में वीड हमारे बॉडी सिस्टम में लंबे समय के लिये रहता है जब की अल्कोहोल कुछ घंटो के लिये रहता है क्योंकि गांजे में टी.एच.सी tetrahydrocannabinol होता है जिसको मैटाबोलाइज करने में टाइम लगता है। टी.एच.सी में हमारे बॉडी फैटस् के साथ कम्बाइन होने की प्रोपर्टी होती इसलिये इसे मैटाबोलाइज होने में समय लगता है।
गांजा हमारे शरीर में कितने देर तक रहता है?
गांजे का हमारे शरीर में कितनी देर तक रहता है ये दरअसल कई चीजों पर निर्भर करता है।
- ली गई मात्रा पर
- TETRAHYDROCANNABOLI (THC) की लेवल पर
- हमारे शरीर के हाईड्रेशन (जलयोजन) पर
- मैटाबोलीजम पर
आमतौर पर गांजा के पता हमारे बालों से 90 दिन तक लगाया जा सकता है, पेशाब में 3 दिन से लेकर 1 महीने तक जो की मात्रा पर निर्भर करता है, 2 दिन या 48 घंटे तक हमारे सलाइवा (लार) से, और 1.5 दिन या 36 घंटे तक हमारे खुन से लगाया जा सकता है।
ओरली लिया हुआ वीड स्मोक किये हुऐ वीड की अपेक्षा हमारे सिस्टम में ज्यादा देर तक रहता है।
नैचुरली वीड को मैटावोलाइज होने में काफी समय लगता है, एक्सरसाइज, हैल्दी खाना और ज्यादा पानी पीना इस प्रोसेस को थोड़ा तेज कर सकता है। पर ऐसा करने से भी कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा।
वीड या गांजा बहुत एडिक्टिव होता और ये जितना देर तक आपके सिस्टम में रहता है उतना ज्यादा चांसेस होतो है की ये आपकी यादाश्त, तर्क-शक्ति, और सीखने की क्षमता पर निगेटिव इफेक्ट करे।
इसके साथ वीड का लगातार इस्तेमाल से हार्ट की और सांस की बिमारीयां होने का खतरा बढ़ जाता है।
प्रेगनेंसी के दौरान वीड स्मोकिंग से आने वाले बच्चे में बर्थ डिफेक्टस् की पॉसिबिलिटी होती है।