क्या आप भी शराब छोड़ना चाहते हैं या नशा छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं पर बार-बार शराब पी लेते हैं, बार-बार आपको नाकामी का सामना करना पड़ता है । अगर आपका जवाब हां है तो ये article आपकी बहुत मदद कर सकता है, और आपकी जो बार-बार नाकाम होती कोशिश है, उसको आप कामयाबी में बदल सकते हैं बस जरूरी है कि आप एकदम इमानदारी से कोशिश करें, और जो मैं आपको बताने वाला हूं उसको पूरी तरह से अमल में लाएं ।

दोस्तों नशा छोड़ने के लिए सबसे जरूरी चीज जो होती है, वो है आपकी मानसिकता । नशा छोड़ने के लिए आप नशा छोड़ते समय किस तरह के गोल्स और प्लान बनाते हैं आप किस तरह की टाइमलाइन सेट करते हैं अपने नशे को छोड़ने के लिए ये जसबसे जरूरी चीज है । और यही सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट इंसान के लिए होना चाहिए कि वो अपने गोल्स को किस तरह से सेट कर रहा है अगर आप long-term की मानसिकता बनाते हैं या जिसको अपन बोलें तो हमेशा के लिए नशा छोड़ने की मानसिकता बनाते हैं कि अब मुझे जिंदगी भर के लिए नशा छोड़ देना है या फिर मुझे अब कभी नशा नहीं करना तो उस इंसान का नशा छोड़ना उतना ही मुश्किल होगा ।

ज्यादातर लोग यही करते हैं कि जब भी नशा छोड़ने के बारे में आपके दिमाग में एक स्ट्रोंग फीलिंग आती है तो आप हर बार की तरह यही सोचते हैं कि हां मैं अब कल से नशा नहीं करूंगा, मैं जीवन भर नशा नहीं करूंगा और यही आपकी सबसे बड़ी कमजोरी होती है । आप इसे दूसरी तरह से सोच सकते हैं आपको पहले ये समझना होगा कि नशा छोड़ने के जो शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म एस्पेक्ट हैं उनमें क्या डिफरेंस है और वो हमें किस तरह से फायदा दे सकते हैं इसे आपको समझना जरूरी है । क्योंकि शॉर्ट टर्म गोल्स और लोंग टर्म गोल्स दोनों एक अलग तरह की थिंकिंग हैं अगर आप लोंग-टर्म गोल्स के चक्कर में फंस जाएंगे तो आप समझ लीजिए कि आप कभी भी नशे को छोड़ नहीं पाएंगे।

दोस्तों जब आप नशे के चक्रव्यूह में फंसे हुए होते हैं यानी active addiction में होते हैं तब आप कई बार अपने आप से बोलते हैं कि मैं सच में इस शराब को अपनी जिंदगी निकाल देना चाहता हूँ । मैं इस जहर को अपनी जिंदगी से बाहर कर देना चाहता हूं पर उसी समय आपके मन से एक और आवाज आती है जो आपसे बोलती है कि मैं कैसे बिना शराब के अपनी पूरी जिंदगी को निकाल पाऊँगा, मैं फिर कभी एक भी गिलास शराब का नहीं ले पाऊंगा और ये बहुत ही ज्यादा tension देने वाली सोच होती है । मैं कैसे अपने वेकेशंस को मना पाऊँगा, मैं कैसे अपना बर्थडे सेलिब्रेट करूंगा, मैं कैसे अपने त्योहारों को मनाऊँगा, होली और दिवाली इन सारे त्योहारों को मैं कैसे मनाऊँगा। और भी कई सारे occasion होते हैं जहां पर आपको अल्कोहल की प्रेज़ेन्स हमेशा से मिलती रही है या फिर आपका दिमाग चाहता है या फिर आपने उस तरह से अपने त्योहारों को, अपने सेलिब्रेशंस को मनाया है तो आपका दिमाग हमेशा उसी जगह पर जाता है कि बिना अल्कोहल के मैं उन सारे सेलिब्रेशंस को कैसे मनाऊँगा। मैं कैसे पूरी अपनी जिंदगी बिना शराब के निकाल पाऊंगा । ये सोच आपके लिए बहुत ही डरावनी होती है । इसलिए आप नशा छोड़ने की शुरुआत में बिल्कुल भी इस तरह से ना सोचे और long-term के गोल भी ना बनाएं क्योंकि अगर आप इस तरह से सोचेंगे तो आप बहुत बुरी तरह से अपने फ्यूचर को प्रिडिक्ट करने लगेंगे । आप ये सोचने लगेंगे कि अगर ऐसी परिस्थिति होगी तो कैसा होगा, वैसी परिस्थिति होगी तो कैसा होगा, पर सच्चाई तो ये है, कि फ्यूचर को प्रिडिक्ट करने में हम लोग इतने भी अच्छे नहीं होते, वो तो जब हम उस दौर से गुजरते हैं तभी समझ पाते हैं कि फ़लाँ समय हमनें कैसा बिताया अच्छा या बुरा ।

अगर आप भी नशा छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और इसी तरह का पैनिक माइंडसेट बना रखा है तो ये आपको डरा कर वापस उसी नशे की ओर ले जाएगा इसे छोड़ने का जो आसान रास्ता है वो ये है कि आप अपना माइंडसैट वन डे अट ए टाइम even मोर स्मॉलर then day, वन मोमेंट अट ए टाइम वाला बनाएँ । क्योंकि देखो अगर आपके पास में कोई सब्सटेंस या शराब रखी है तो आपको ये पता होना चाहिए कि आपको उसी मूवमेंट पर फैसला लेना है तुरंत वो डिसीजन लेना है कि आप उस substance को लेंगे या नहीं क्योंकि ये बात साफ है कि जो बीत गया वो आप बदल नहीं सकते और भविष्य का आपको कुछ भी पता नहीं है। तो आपके पास केवल एक ही टाइम फ्रेम है वो है अभी का इसीलिए हमें वनडे एट ए मूवमेंट को फॉलो करना चाहिए ये सबसे कारगर तरीका होता है नशे को छोड़ने के लिए, जिसे अगर आप ईमानदारी से करते हैं तो आप कामयाब जरुर होगे ।

एक और गलती जो आप करते हैं वो ये है कि आप अपने पास्ट के एक्सपीरियंस से अपने फ्यूचर का अनुमान लगाते हैं कि पहले अगर ऐसा हुआ था तो फिर से ऐसा होगा पर ये कोई लॉजिकल बात नहीं है इसमें कोई भी सेंस नहीं है, ये सोच कहीं काम नहीं आती क्योंकि अगर आप ऐसा सोचेंगे कि पहले ऐसा हुआ था तो अब फिर से ऐसा होगा तो आप पहले ही अपनी नाकामी के बारे में सोचने लगेंगे । बल्कि आपको हर उस प्रजेंट मूवमेंट के लिए सूचना चाहिए जिसे आप जी रहे हैं उस प्रजेंट मूवमेंट के लिए आपको थैंकफूल होना चाहिए कि अभी मैं सोबर हूं, अभी मेरी बॉडी में अल्कोहल नहीं है मैं सोबर हूं एंड आई एम लविंग it, मुझे ये अच्छा लगता है, मैं इस मूवमेंट को प्यार करता हूं । क्या मैं अगले 10 मिनट बाद सोबर रहूंगा ? क्या मैं कल सोबर रहूंगा ? क्या मैं अपने जन्मदिन पर सोबर रहूंगा ? ये सोचने का मेरा काम नहीं है मुझे नहीं पता। ये कोई तर्क नहीं बनता कि मैं उस समय के बारे में सोचूँ जो मेरे हाथ में नहीं है, इस पर मेरा कोई जोर नहीं है । केवल एक चीज है जो मैं कंट्रोल कर सकता हूं वो है अभी। अभी मैं क्या कर रहा हूं, अभी मैं क्या करूं, अभी मैं नहीं पियूंगा और यही सबसे जरुरी बात है जो मायने रखती है और आपको इसी बात को हमेशा ध्यान रखना चाहिए ।

इसीलिए जब आप शराब या जो भी नशा छोड़ने की कोशिश करते हैं तो शुरुआती 2 से 3 हफ्ते आपके लिए बहुत इंपोर्टेंट होते हैं क्योंकि शुरुआती दो से तीन हफ्तों में जब आप शराब या कोई और नशा छोड़ते हैं तो उस सब्सटेंस में कुछ ऐसी फिजिकल पावर होती है जो कि आपको uncomfortable महसूस करा सकती हैं और इसकी वजह से आप फिर से नशा शुरू कर देते हैं पर दो-तीन हफ्ते के बाद इस शराब या जो भी नशा कर आप करते हैं उसमें कोई ऐसी ताकत नहीं रहती जिसके कारण आप नशा करें अगर आप फिर भी शराब पीते हैं या नशा करते हैं तो इसका पूरा कारण आपकी मनोवैज्ञानिक स्थिति है , आप अपने सबकॉन्शियस माइंड के पहले से सेट पैटर्न पर चल रहे हैं ।

चलो इस बात को और अच्छे से समझते हैं । दोस्तों आप हम में से ज्यादातर लोगों ने खुद को इसी प्रोग्रामिंग में ढाल रखा होता है कि अगर हमें कोई परेशानी होती है या तनाव होता है तो हम शराब पीते हैं और ऐसा हम बार-बार करते हैं । परेशानी आई तो शराब पी ली, दुखा आया तो शराब पी ली, तनाव आया तो शराब पी ली और ये साइकिल चलती रहती है मतलब जैसे ही आपको कोई परेशानी हुई और आपके सबकॉन्शियस माइंड में एक घंटी बजती है “run the alcohol program” क्योंकि आपके सबकॉन्शियस माइंड के पास इतना टाइम नहीं है कि वो हर बार आने वाली समस्या के लिए कोई क्रिएटिव सलूशन निकालने में अपनी एनर्जी बर्बाद करे उदाहरण के लिए अगर हमारा हाथ गर्म तवे पर पड़ जाए तो हम तुरंत रिस्पांस करेंगे, हम जितना जल्दी हो सके अपनी पूरी ताकत और तेजी से अपने हाथ को तवे से दूर करेंगे और ये प्रतिक्रिया कभी भी नहीं बदलती।आप जब भी किसी गर्म चीज पर हाथ रखेंगे तो यही रिस्पांस होगा क्योंकि आप इसके लिए प्रोग्राम्ड हैं और ऐसी ही प्रोग्रामिंग आपने अपने दिमाग में शराब और परेशानी को लेकर कर रखी है इसीलिए आपको अपनी प्रोग्रैमिंग को चेंज करने की जरूरत है । आपको समय देकर अपनी समस्याओं के समाधान के लिए नए तरीके और रास्ते ढूंढने की जरूरत है।

अगर आप भी किसी प्रकार के नशे में फंस गए हैं और लाख कोशिश करने के बाद भी नशा nahi छोड़ पा रहे हैं तो ये article आपकी मदत कर सकता है और अगर आप किसी प्रकार की सलाह या मदत तलाश रहे हैं तो आप हमसे कभी भी contact कर सकते हैं हमारा पता और number आपको website में मिल जाएगा।