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नशे की आदत को खत्म करने के लिये नशे के कारण को समझें

नशे की आदत को खत्म करने के लिये नशे के कारण को समझें

नशे की आदत को खत्म करने के लिये नशे के कारण को समझें

नशे की लत किसी व्यक्ति या उसके परिवार के लिये किस हद तक कष्टदायक हो सकती है, ये बात  उन परिवारों से बेहतर और कोई नहीं समझ सकता जिनके परिवारों में इस बीमारी के कारण किसी को अपनी जान गवानी पड़ी हो या उस शराबी व्यक्ति के परिवार ने उससे मुंह मोड़ लिया हो। ये समय उसके परिवार लिए किसी श्राप से कम नहीं होता। नशे की लत में पड़ा व्यक्ति शायद ही कभी इस आदत को छोड़ने के बारे में सोच पाता होगा, मगर उसका परिवार हर मुमकिन कोशिश करता है की किसी तरीके से उसकी नशे की आदत छूट जाए। ऐसे व्यक्ति के लिए नशे में रहना समय के साथ एक साधारण बात हो जाती है। वह व्यक्ति जैसे – जैसे नशे को अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में शामिल करता जाता है, वैसे – वैसे उसे हर रोज नशा करने की आदत पड़ती जाती है।   

बचपन में हमारे माता – पिता हमारी सेहत का ध्यान रखते हैं, जब हम बीमार पड़ते हैं तो हमें डॉक्टर के पास ले जाते हैं। मगर जब हम बड़े हो जाते हैं, और नौकरी या पढ़ाई करने घर से निकल कर बाहर की दुनिया में कदम रखते हैं तो हमारे माँ – बाप हम पर भरोसा करते हैं कि हम अपना ध्यान खुद रख सकते हैं। मगर बाहर की दुनिया हमारी घर की चार दीवारों जितनी सुरक्षित नहीं होती, हमें बाहर अलग विचारों और अलग रहन-सहन वाले लोगों से मिलना पड़ता है, बात-चीत करनी पड़ती है और उनके साथ एक घर में रहना भी पड़ता है। जब आप किसी ऐसे माहौल में रहने लगते हैं जहां शराब, सिगरेट रोज का काम हो तो खुद को इन चीजों से दूर रख पाना एक कठिन काम है। हमारे दोस्त या ऑफिस के साथी कभी ना कभी शराब का ग्लास या सिगरेट पकड़ा ही देते हैं और इसके बाद कुछ लोग इसे आदत बना लेते हैं और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखते।   

आप नहीं जान पाते की कब नशा आपकी लत बन गया, और आप अपना सारा गुस्सा, दुख, दर्द यहाँ तक की खुशी का साथी शराब को बना लेते हैं। नशे का सेवन हमने अपनी संस्कृति  में अक्सर होते देखा है। भगवान शिव की ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिलती हैं, जहां वह एक चिलम हाथ में लिए भांग या गाँजा पी रहे होते हैं। भारत में कई जगह ऐसे मंदिर हैं जहां भैरव की मूर्तियों पर शराब चढ़ाई जाती है। हमारी युवा पीढ़ी कहीं ना कहीं इन तथ्यों का इस्तेमाल अपने नशे की आदत को सही साबित करने के लिए करती है।   

फिर जीवन इसी तरह से आगे बढ़ता रहता है, और उसी के साथ आपके दोस्त भी आपसे आगे बढ़ जाते हैं मगर आप वहीं रह जाते हैं, आप अपनी नशे की लत को नहीं छोड़ पाते। कहते हैं कि अकेलापन इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है और इस अकेलेपन को दूर करने के लिए आप शराब या और दूसरे नशों पर निर्भर हो जाते हैं। आपका शरीर आपको समय – समय पर चेतावनी भी देता है, कुछ लोगों लीवर में परेशानी होने लगती है, भूख नहीं लगती और कई व्यक्तियों को बिना शराब पिये नींद नहीं आती, मगर आप हर बार इन चीजों की अनदेखी कर देते हैं। शराब की लत इतनी प्रबल होती है की आप अपनी शरीर की बिगड़ती हालत को समझ ही नहीं पाते। 

आपका परिवार आपकी मदद करने की कोशिश करता है, मगर सिवाय मानसिक उत्पीड़न के उसे कुछ हासिल नहीं होता। आपको लगता है की आपके मन की पीड़ा को कोई नहीं समझ सकता मगर ऐसा नहीं है। अगर आप किसी मानसिक परेशानी का सामना कर रहे हैं तो आपको इस बारे में बात करनी चाहिए, काउंसलिंग के जरिए आप अपनी मन की उलझनों को सुलझाने की कोशिश कर सकते हैं। नशा आपकी उस परेशानी को कुछ देर के लिए कम तो कर सकता है मगर खत्म नहीं कर सकता।

नशे की आदत को खत्म करने के लिये नशे के कारण को समझें2021-06-22T10:07:25+00:00

Effect of Alcohol in Family Life

Effect of Alcohol in Family Life

Effect of Alcohol in Family Life

We have often seen that there are many such families in the society where at least one member has a habit of drinking alcohol. This is a common Vice in today’s times. Getting intoxicated on Alcohol seems like a Social Standard, and you’d be an outcast to many a group if one chooses not to Drink at a gathering. Even in families where drinking is a Taboo, due the Families’ Mental and Social Constructs, eventually break free of the Groupthink of the household and develop the vicious habit of Drinking Liquor. 

There is a famous saying of Albert Einstein that “A wise man is the one who knows where to return after walking on an unknown path”. Before indulging in any form of a Substance, one must know all the angles to it, its merits and demerits, in order to know whether the Habit pattern is actually causing one mental and physical harm. The symptoms may not be evident at first because of the short term gratification one feels and the mental denaturing yet to be perceived. Say, If today your hair starts falling or you have severe pain in the teeth, then you will definitely go to the doctor because these are the problems which you understand clearly, the symptoms to underlying root cause exist.

Alcohol Consumption too, brings along with itself such clear, evident problems in a person’s Family Life. Alcoholics rarely recognise the harm caused by this habit of theirs themselves.

Many alcoholics lie or blame others for their problems. The loss of trust damages relationships and alienates family members from each other.

 

Alcohol has a bad effect on not only One aspect of our lives, it effects all dimensions of it, such as, Interpersonal relationships, Stress in married life, Problems related to parents and  Development of children and financial problems. Alcohol as we all know and cherish is actually in medical terms acts as a Depressant.

1. Marital tension: If there is any problem in the life of an alcoholic person or he experiences any sorrow, then instead of consulting his spouse, he prefers to spend time with alcohol so that he can forget his sorrow and troubles. And he does not understand that this intoxication is not the cure for his sorrow. And from here the tension and distance in his married life keeps on increasing.

2. Problems related to parents and development of children: A child’s brain is developed by the age of 7-8 years. The events that the child learns during that time and the emotional experiences associated with them are stored forever in the hard drive of his/her subconscious mind. It is like the memory of the computer that you can never delete.

In those 7-8 years, if the Child sees his Mother and Father Engaging in Verbal and Physical Altercation in his home, then such incidents have a very negative effect on his Gentle mind. For example, if the father comes home after drinking alcohol every few days a week and uses abusive language, then it is quite possible that the child will not be able to control his emotions in a social environment. There may be troubles, which are very difficult for any member of the household to understand. For such, Counselling helps a person who is unable to control their emotional reactions to alcoholism.

3. Financial problems: Drug addiction makes you financially hollow along with your mental state. Until the effects are severe, you may not realise that your financial condition has been weakened by a drinking problem. If you are a frequent drinker, then it is very important that you pay attention to the expenditure on alcohol from your earnings. If you go to a club or bar and get a six-pack of beer it can cost around 1200 to 5000 depending on the brand, and hard liquor, wine and other beverages can cost more. If you follow this routine 2-3 days a week, then soon your life starts running on credit.

Anything in excess acts as a poison, and a bottle of wine clearly states, “Abuse of alcohol can be injurious to health” It is not only for your personal health, but it is related to your life. It affects other aspects as well. And as aforementioned “A wise man is the one who knows where to return after walking on an unknown path”. 

Effect of Alcohol in Family Life2021-06-03T22:43:12+00:00

शराब का पारिवारिक जीवन पर असर

शराब का पारिवारिक जीवन पर असर

scarab ka parivarik Jeevan par asar

हमने  अक्सर  ये  देखा  है कि  समाज  में  कई  ऐसे  परिवार  होते  हैं जहां  कम  से  कम  किसी  एक  सदस्य  को  शराब  पीने  की  आदत  होती  है। देखा  जाए  तो  आज  के  इस  मॉडर्न  समय  में   ये  बात  बहुत  आम  सी  लगती  है। शराब  पीना  जैसे  एक  सोशल  स्टैण्डर्ड  माना  जाता  है, अगर  आप  शराब  नहीं  पीते  तो  आप  शायद  एक  समूह  का  हिस्सा  ना बन पाएं। और  ऐसे  लोग  जिनके  परिवार  में शायद  अब  तक  किसी  ने  शराब  ना  पी  हो, वो  अपनी  कमजोर  मानसिकता  के  चलते  इस  लालच  में फंसकर  शराब  पीना  शुरू  कर  देते  हैं।

अल्बर्ट आइंस्टीन का  एक  मशहूर  कथन  है  कि  “समझदार  व्यक्ति  वही  है  जो  ये  बात  जानता  हो कि  किसी  अनजान  रास्ते  पर  चलते  हुए कहां से  वापस लौट  आना  चाहिएआप  इसे  ऐसे  समझ  सकते  हैं  कि, कोई  भी  काम  शुरू  करने  से  पहले  हमें   उसके  अच्छे  और  बुरे  दोनों पहलुओं को  समझ  लेना  चाहिए  कि  कहीं  उसमें   हमारा  नुकसान  तो  नहीं  हो  रहा। मगर  हम  अपनी  मानसिक  स्थितियों  से  जुड़ी  दिक्कतों  पर  ज्यादा  ध्यान  नहीं  दे  पाते, क्योंकि  वो  हमें   दिखाई  नहीं  देती। अगर  आज  आपके  बाल  झड़ने  लग  जाएं  या  दांतो  में   जोर  का  दर्द  हो  तो  आप  डॉक्टर  के  पास  जरूर  जाएंगे  क्योंकि  ये  वो  परेशानियाँ  हैं  जो  आपको  साफ़  साफ़  समझ    रही  हैं। 

ऐसे  ही  कुछ  परेशानियाँ  हैं  जो  एक  शराबी  इंसान  को  दिखाई  नहीं देती  के  कब  उसके  व्यवहार का  असर  उसके  पारिवारिक  जीवन पर  पड़ने  लगा शराब  का  दुरुपयोग  करने  वाले  इंसान  को  अपनी  इस  आदत  से  होने  वाले  नुकसान  का  कोई  एहसास  नहीं  होता।

कई शराबी अपनी समस्याओं के लिए झूठ बोलते हैं या दूसरों को दोष देते हैं। भरोसे का बिगड़ना रिश्तों को नुकसान पहुंचाता है और परिवार के सदस्यों को एकदूसरे से दूर  कर  देता  है।

 

शराब  से  हमारी  ज़िन्दगी के किसी एक नहीं  बल्कि  हर  हिस्से  पर  बुरा  असर  पड़ता  है, जैसे   वैवाहिक  जीवन में  तनाव का होना , माँ बाप से  जुड़ी  समस्याएँ, बच्चों का  विकास और  आर्थिक  परेशानियाँ।

 

1.वैवाहिक तनाव: शराबी  इंसान  के  जीवन  में   अगर  कोई  परेशानी  आती  है  या  वो  किसी  दुःख  का  अनुभव  करता  है  तो  बजाय  अपने  जीवनसाथी  से  सलाह  करने  के  वो  शराब  के  साथ  समय  बिताना  ज्यादा  पसंद  करता  है  ताकि  वो  अपने  दुख  और  परेशानियों  को  भूल  सके। मगर  वो  ये  नहीं  समझ  पाता  की  ये  नशा  उसके  दुःख  का  इलाज़  नहीं  है। और  यहीं  से  उसके  वैवाहिक  जीवन  में   तनाव  और  दूरियां  बढ़ती  चली  जाती  हैं।

2.माँ बाप से  जुड़ी  समस्याएँ एवं बच्चों  का  विकास:  एक  बच्चे  का  दिमाग  7-8 साल  की  उम्र  तक  विकसित  हो  चूका  होता  है। उस  समय  के  दौरान  बच्चा  जो  सीखता  है  वो घटनाएं और  उनसे  जुड़े  भावनात्मक अनुभव  उसके  अवचेतन  मन   की  हार्ड  ड्राइव  में   हमेशा  के  लिए  स्टोर  हो  जाते  हैं। ये कंप्यूटर की उस  मैमोरी जैसा  होता है  जिसे आप  कभी  डिलीट  नहीं कर सकते। 

उन  7-8 सालो  में  बच्चा  अगर  अपने  घर  अपने  माँ और  पिता  को  मारपिटाई या झगड़ते  हुए  देखता है  तो  उसके कोमल मन  पर  ऐसी घटनाओं का बेहद  नकारत्मक असर  होता  है। उदाहरण  के  तौर  पर  अगर   पिता  हफ्ते में  कुछ दिन या रोज शराब  पीकर  घर  आता  है  और  गाली गलौच या घर में  अपमानजनक  भाषा  का  प्रयोग  करता  है  तो  ये  बहुत  हद  तक  संभव  है  कि  उस  बालक  को  सामाजिक माहौल  में अपनी  भावनाओं  को  काबू  करने  में   काफी  परेशानियाँ  हो  सकती  है, जिसे घर के किसी सदस्य के लिए  समझ  पाना  काफी  मुश्किल  काम  है । काउंसलिंग के  जरिये  ऐसे व्यक्ति को मदद मिलती है जो शराब के नशे में  अपनी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं पर काबू नहीं रख पाते।

3. आर्थिक  समस्याएँ : नशे  की  लत  आपकी  मानसिक  स्थिति  के  साथ साथ आपको  आर्थिक रूप से भी खोखला कर देती है।  जब तक असर  गंभीर नहीं हो जाते, तब तक आपको इस बात का अहसास नहीं होगा कि शराब पीने की समस्या से आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी है। यदि आप बारबार शराब पीने वाले हैं, तो यह बहुत जरूरी  है  कि  आप  अपनी  कमाई  से  शराब  पर  होने  वाले  खर्च  पर  ध्यान  दें। अगर  आप  एक  क्लब या बार  में  जाते  हैं  और  बीयर के सिक्सपैक लेते  हैं  तो  उसकी  कीमत ब्रांड के आधार पर लगभग 1200 से 5000 तक हो सकती हैं, और हार्ड शराब, वाइन और अन्य पेय पदार्थों की कीमत अधिक हो सकती है। अगर आप हफ्ते में  2-3  दिन यही  रूटीन अपनाते हैं तो आप जल्द ही आपका जीवन उधारी पर चलने लगता है।    

 

जरुरत से ज्यादा कोई भी चीज़ ज़हर का काम करती है, और शराब की बोतल पर साफ़ अक्षरों में  लिखा होता है, “शराब का  सेवन स्वास्थय के लिए हानिकारक हो सकता है” ये केवल आपके निजी स्वास्थय के लिए ही नहीं बल्कि आपकी ज़िन्दगी से जुड़े दूसरे पहलुओं पर भी बुरा असर डालता है। और जैसा ऊपर लिखा है कि समझदार  व्यक्ति  वही  है  जो  ये  बात  जानता  हो कि  किसी  अनजान  रास्ते  पर  चलते  हुए कहां से  लौट  आना  चाहिए

 

शराब का पारिवारिक जीवन पर असर2021-06-02T21:44:03+00:00
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